एक ओर जहां अमेरिकी सरकार एच1बी वीजा के नियमों में परिवर्तन की तैयारी में है तो वहीं ऑस्ट्रेलियाई सरकार 457 कार्य वीजा को पुनर्गठित कर रही है। बताया जा रहा है कि इन्हीं वीजा के सहारे भारत के अधिकतर कर्मचारी अपनी सेवाएं इन देशों को देते हैं।
एच1बी वीजा क्या है?
यह एक गैर-प्रवासी वीजा है। इसके तहत किसी कर्मचारी को अमेरिका में छह साल काम करने की अनुमति दी जाती है। यह वीजा अमेरिका में कार्यरत कंपनियों को ऐसे कुशल कर्मचारियों के लिए दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी हो। इस वीजा के लिए कुछ शर्तें भी हैं। जैसे इसे पाने वाले व्यक्ति को स्नातक होने के साथ किसी एक क्षेत्र में विशेष योग्यता होनी चाहिए। साथ ही इसे पाने वाले कर्मचारी का वेतन कम से कम 60 हजार डॉलर सालाना होना जरूरी होता है।
457 वीजा क्या है ?
457 वीजा उन कुशल कर्मचारियों के लिए जारी की जाती है जिनकी ऑस्ट्रेलिया में कमी होती है। इस वीजा की अवधि 4 साल की होती है। इसके तहत ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने और नौकरी करने की अनुमति मिल जाती है।
क्या होंगे बदलाव
अमेरिकी मीडिया के मुताबिक इस मसौदे में एच-1बी वीजा के नियमों को कड़ा करने का प्रस्ताव है। इसमें न केवल एच-1बी वीजा के लिए न्यूनतम आय को दोगुना करने का प्रस्ताव है बल्कि विदेशी छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में रुकने की छूट के नियम को भी पलटने का प्रस्ताव है। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने अपने वीजा नियम में बदलाव करते हुए ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों को प्रदर्शित करने वाली क्षमता पर कड़ी परीक्षा लेने का नियम बनाया है। यह परीक्षा भी तीन बार से अधिक नहीं दी जा सकेगी।
भारत पर होगा कितना असर
इस बदलाव की वजह से इन देशों में जाकर नौकरी करना दूसरे देश के नागरिकों के लिए मुश्किल हो जाएगा। इन दोनों देशों में बड़ी संख्या में लाखों भारतीय लोग काम करते हैं। इन देशों ने ऐसा इसलिए किया है ताकि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लोगों को वहां ज्यादा नौकरियां मिल सकें।
इस मसले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि अमेरिका ने एच1बी वीजा के नियमों में जो बदलाव किया है, वह फिलहाल अमेरिकी सरकार का एग्जिक्यूटिव आर्डर है और इसके कानूनी शक्ल लेने के बाद इसकी बारीकियां पता चलेंगी और यह बात समझ में आएगी कि भारत के नागरिकों पर और भारत के इंडस्ट्रीज पर इसका क्या असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा असर आईटी इंडस्ट्री पर पड़ा है इसलिए संबंधित लोगों से सरकार इस बारे में विचार विमर्श कर रही है।
वहीं 457 वीजा नियम में बदलाव को लेकर उन्होंने कहा कि जो नया नियम बनाया जा रहा है, उससे ऑस्ट्रेलिया में काम करने वाले भारतीय लोगों पर नहीं के बराबर प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि ज्यादातर भारतीय नागरिक "स्किल्ड वर्क फोर्स" की श्रेणी में आते हैं।
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