वर्ल्ड उइगुर कांग्रेस (डब्ल्यू.यू.सी) के नेता दोल्कुन इसा जर्मनी में रहते हैं। उन्हें अमेरिका स्थित इनिशिएटिव्स फॉर चाइना द्वारा धर्मशाला में आयोजित किए जा रहे सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने आज कोई ब्यौरा दिए बिना कहा, हमने दोल्कुन इसा को दिया गया वीजा रद्द कर दिया है। भारत के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसा ने कहा, 23 अप्रैल को मुझे भारत की तरफ से एक अत्यंत लघु नोट मिला कि मेरा वीजा रद्द कर दिया गया है। इसमें कोई स्पष्टीकरण नहीं था। इसा ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इसके पीछे असल में क्या कारण है। उन्होंने कहा, यह भारत सरकार पर चीन द्वारा डाले गए दबाव की वजह से हो सकता है। लेकिन मुझे नहीं पता, मुझे भारत की तरफ से कोई कारण नहीं बताया गया।
भारत ने पिछले हफ्ते डब्ल्यूयूसी नेताओं को वीजा जारी कर तब अनुमति प्रदान की थी जब पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में चीन ने अड़ंगा लगा दिया थआ। चीन डब्ल्यूयूसी नेताओं को अपने मुस्लिम बहुल अशांत प्रांत शिंजियांग में आतंकवाद का समर्थक मानता है। बीजिंग ने इसा को वीजा दिए जाने की खबरों पर नाराजगी जताई थी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने कहा था, मैं जो रेखांकित करना चाहता हूं, वह यह है कि दोल्कुन इसा इंटरपोल और चीन पुलिस के रेड कॉर्नर नोटिस में एक आतंकवादी है। उसे न्याय के कठघरे में लाना संबद्ध देशों का दायित्व है।