हाल ही में आई अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट की मानें तो भ्रष्टाचार के क्षेत्र में भारत की स्थिति सुधरी है, लेकिन अब भी काफी सुधार बाकी है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदमों से इस रैंकिंग में सुधार हुआ है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2018 के अनुसार 180 देशों की सूची में भ्रष्टाचार के मामले में भारत 78वें पायदान पर है। वहीं, इस सूची में भारत 2017 में 81वें स्थान पर था।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2018 के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बावजूद चीन भ्रष्टाचार की रैंकिंग में ऊपर है। 2018 में 39 अंकों के साथ चीन 87वें स्थान पर, 38 अंक के साथ श्रीलंका और इंडोनेशिया 89वें स्थान, 35 अंकों के साथ 105वें स्थान पर, 33 अंकों के साथ पाकिस्तान 117वें स्थान पर, 31 अंकों के साथ नेपाल और मालदीव 124वें स्थान पर, 29 अंकों के साथ म्यांमार 132वें स्थान पर, 28 अंकों के साथ ईरान मैक्सिको और रूस 138वें स्थान पर, 26 अंकों के साथ बांग्लोदश 149वें स्थान पर, 18 अंकों के साथ बेनेजुएला और इराक 168वें स्थान पर, 16 अंक के साथ अफगानिस्तान 172 स्थान पर, 14 अंकों के साथ उत्तर कोरिया 176वें स्थान पर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 41 अंक हासिल कर 180 देशों में 78वां स्थान हासिल किया है। जबकि 2017 के सूचकांक में वह 40 अंक के साथ 81वें स्थान पर था। इससे पहले 2016 में भारत इस सूचकांक में 79वें स्थान पर था। उसने तीन अंकों का सुधार किया है। जबकि इस सूची में पाकिस्तान की रैंकिंग 117वें पर है।
भ्रष्टाचार को लेकर कारोबारियों की धारणाओं पर आधारित इस नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की स्थिति में मामूली रूप से सही, मगर सुधार हुआ है। बीते 10 वर्षों में यह पहला अवसर है जब भारत ने यह स्थान हासिल किया है। हालांकि 2008 से अब तक भारत का प्रदर्शन धीमी रफ्तार से मगर बेहतर हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों में मलेशिया (47अंक), मालदीव (31 अंक) और पाकिस्तान (33 अंक) के साथ भारत को सूची में आगे बढ़ते देखना महत्वपूर्ण होगा।
भारत को 41 अंक
सूचकांक में प्रत्येक देश को अंक भी दिए गए हैं। इसमें शून्य अंक को सबसे भ्रष्ट देश के लिए और सौ अंक को भ्रष्टाचार रहित देश के लिए इस्तेमाल किया गया है। भारत को 41 अंक दिए गए हैं। 2017 और 2016 में भारत के 40 अंक थे। 2015 में भारत को 38 अंक दिए गए थे।
सोमालिया सबसे भ्रष्ट
सोमालिया की रैंक 180 है और 10 अंक दिए गए हैं। सोमालिया सबसे भ्रष्ट देश है। उसके बाद 178 रैंक के साथ दक्षिणी सूडान और सीरिया हैं। उसके बाद यमन, उत्तर कोरिया, सूडान, गिनी बिसाऊ, इक्वेटोरियल गिनी, अफगानिस्तान और लीबिया हैं।
डेनमार्क सबसे बेहतर देश
सूचकांक में डेनमार्क को पहली रैंक दी गई है। उसका अंक 88 है। मतलब 180 देशों में डेनमार्क में भ्रष्टाचार सबसे कम है। दूसरे स्थान पर न्यूजीलैंड (87अंक) है। 85 अंकों के साथ चार देश शामिल हैं, जिसमें फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, स्विटजरलैंड शामिल हैं।
भूटान 25वें स्थान पर है
इस रैंकिंग में नार्वे सातवें स्थान पर है। 82 अंकों के साथ नीदरलैंड आठवें और 81 अंकों के साथ कनाडा नौवें स्थान पर है। 80 अंकों के साथ जर्मनी और ब्रिटेन 11वें स्थान पर है। 77 अंकों के साथ ऑस्ट्रेलिया 13वें स्थान पर है। 76 अंकों के साथ आस्ट्रिया और हांगकांग 14वें स्थान पर हैं। 73 अंकों के साथ जापान 18वें स्थान पर, 72 अंकों के साथ फ्रांस 21वें स्थान पर है।
इस सूची में 70 अंकों के साथ संयुक्त अरब अमीरात 23वें स्थान पर और 68 अंकों के साथ हमारा पड़ोसी देश भूटान 25वें स्थान पर है। सूची में अपने को बेहतर करने वाले देशों में एस्टोनिया, आइवरी कोस्ट, सेनेगल और गुयाना शामिल हैं, वहीं सूची में गिरावट करने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, चिली, माल्टा और मैक्सिको शामिल हैं।
पहली बार अमेरिका 20 देशों की सूची से बाहर
71 अंकों के साथ अमेरिका 22वें स्थान पर है। शोधकर्ताओं के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका ने चार बिंदुओं को खो दिया और 2011 के बाद पहली बार शीर्ष 20 सबसे कम भ्रष्ट देशों से बाहर कर दिया है, जबकि हंगरी की राजनीति निरंकुशता हावी हो गई है। यदि ऐसी प्रवृत्ति को भी दिखाता है तो यह उस देश में एक गंभीर स्तर पर भ्रष्टाचार की समस्या का संकेत दे रहा है, जिसने वैश्विक स्तर पर इस मुद्दे पर मोर्चा लिया है।
ऐसे की जाती है ये गणना
संगठन ने कहा कि पूर्ण लोकतंत्र ने भ्रष्टाचार सूचकांक पर 75 का औसत अंक हासिल किया, वहीं त्रुटिपूर्ण लोकतंत्रों का औसत 49 और निरंकुश शासनों का औसत 30 रहा। इस इंडेक्स की गणना 13 अलग-अलग डेटा स्रोतों का उपयोग करके की जाती है जो व्यापारिक लोगों और देश के विशेषज्ञों से सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार की धारणाएं प्रदान करते हैं।