संयुक्त राष्ट्र में भारत की दूत ने कहा है कि गाजा में पिछले करीब पांच महीने से जारी संघर्ष को लेकर भारत ‘‘बेहद चिंतित’’ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध में आम नागरिकों की मौत और उससे उपजा मानवीय संकट ‘‘स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य’’ है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने सोमवार को ‘वीटो के उपयोग’ पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
कम्बोज ने यूएनजीए में कहा, ‘‘इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष के कारण बड़े पैमाने पर आम नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जान चली गई है...इसके परिणामस्वरूप एक मानवीय संकट भी पैदा हो गया है। यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है।’’
पांच महीने से युद्ध जारी रहने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मानवीय संकट गहरा गया है, जिससे क्षेत्र और उससे परे अस्थिरता बढ़ रही है।’’
पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका द्वारा वीटो करने के बाद महासभा ने ‘वीटो के उपयोग’ पर पूर्ण बहस आयोजित की। अमेरिका के वीटो के कारण परिषद गाजा युद्ध में मानवीय संघर्षविराम के प्रस्ताव को अपनाने में विफल रही।
कम्बोज ने यूएनजीए को बताया कि संघर्ष पर भारत की स्थिति स्पष्ट है और भारत ने संघर्ष में नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा की है।