पाकिस्तान मेरिटाइम सिक्योरिटी एजेंसी की ओर से शनिवार को भारतीय मछुआरों की नौका पर फायरिंग की घटना की जांच जारी है। इस घटना में महाराष्ट्र के रहने वाले एक मछुआरे की मौत हो गई थी। अब भारत ने कहा है कि इस मामले की जांच की जा रही है और इसे कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान के सामने उठाया जाएगा। मारा गया मछुआरा महाराष्ट्र के पालघर जिले के रहने वाला था।
बता दें कि गुजरात तट से दूर अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पास पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) के जवानों द्वारा की गई गोलीबारी में महाराष्ट्र के एक मछुआरे की मौत हो गई और उसकी नाव का एक चालक दल का सदस्य घायल हो गया। घटना शनिवार शाम करीब चार बजे की है।
देवभूमि द्वारका के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने कहा, "महाराष्ट्र का एक मछुआरा, जो मछली पकड़ने वाली नाव 'जलपरी' पर था, शनिवार शाम को पीएमएसए कर्मियों द्वारा उस पर और चालक दल के अन्य सदस्यों पर गोलियां चलाने के बाद मारा गया।" नाव पर चालक दल के कुल सात सदस्य थे, उन्होंने कहा कि गोलीबारी की घटना में उनमें से एक को भी मामूली चोट आई है।
उन्होंने कहा कि मृतक मछुआरे श्रीधर रमेश (32) का शव रविवार को ओखा बंदरगाह लाया गया और पोरबंदर जिले की नवी बंदर पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जा रही थी।
जोशी ने कहा, "रमेश मछली पकड़ने वाली नाव 'जलपरी' पर थे, जो 25 अक्टूबर को ओखा से सात चालक दल के सदस्यों के साथ रवाना हुई थी, जिनमें से पांच गुजरात से और दो महाराष्ट्र से थे।"
उन्होंने कहा कि मछली पकड़ने वाली नाव गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के वेरावल में पंजीकृत है। इस बीच, महाराष्ट्र के पालघर जिले के रमेश के पैतृक गांव वाडरई में स्थानीय लोगों द्वारा उसकी मौत की खबर मिलने के बाद मातम छा गया।
मछली पकड़ने वाली नाव के मालिक जयंतीभाई राठौड़ ने कहा कि जब गोलियां लगीं तो रमेश नाव के केबिन में थे।
"तीन गोलियां उनके सीने पर लगी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। पाकिस्तानी कर्मियों की अंधाधुंध गोलीबारी में नाव का कप्तान भी घायल हो गया। राठौड़ ने संपर्क करने के बाद कुछ मीडियाकर्मियों को बताया।
उन्होंने कहा कि मृतक पिछले तीन महीने से दीव दमन में मछली पकड़ने वाली नाव पर काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि रमेश का पार्थिव शरीर एक दो दिनों में वदराई गांव पहुंचने की संभावना है। इस बीच, वदराई के निवासियों ने कहा कि अगर नाव पाकिस्तान के जलक्षेत्र में प्रवेश की है तो चालक दल के सदस्यों को गोली मारने के बजाय पड़ोसी देश द्वारा बंदी बनाया जाना चाहिए था।