अफगानिस्तान में गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के पास दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों द्वारा भीड़ पर किए गए हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आइएसकेपी) ने ली है। इस हमले में कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य के घायल होने की खबर है।
इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आइएसकेपी) ने अधिकारिक रूप से दावा किया है कि काबुल हवाईअड्डे पर गुरुवार को हुए आत्मघाती हमलों में उनका ही हाथ है। इसके साथ ही उन्होंने एक तस्वीर भी जारी की है।
बताया जा रहा है कि यह तस्वीर उस आत्मघाती हमलावर की है, जिसका नाम अब्दुल रहमान अल लोगहरि है और वह संभवत: लोगार प्रांत का रहने वाला था। आजतक की खबर के मुताबिक, आत्मघाती हमलावर की तस्वीर के साथ ही उन्होंने एक संदेश जारी किया है, जिसमें लिखा है काबुल एयरपोर्ट पर इस्लामिक स्टेट द्वारा किए गए शहादत के इस हमले में 160 अमेरिकी सैनिक और उनके सहयोगी मारे गए हैं और घायल हुए हैं। आइएसकेपी के इस संदेश के अनुसार इस हमले को करवाने में उसे स्थानीय लोगों से भी मदद मिली।
#BREAKING: ISIS claims responsibility for Kabul suicide bombings today which killed 12 US soldiers and more than 60 civilians. Abdul Rehman Al-Loghri of ISKP was allegedly the suicide bomber. ISIS may shortly release a claim video as well. pic.twitter.com/ULTQDzTEpU
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) August 26, 2021
अमाक न्यूज एजेंसी को आतंकी सूत्रों ने बताया कि इस्लामिक स्टेट का एक लड़ाका, अमेरिकी सैनिकों द्वारा खड़े किए गए सुरक्षा की किलेबंदी को भेदते हुए काबुल एयरपोर्ट के पास 'बारन कैंप' तक पहुंचने में कामयाब रहा और वहां पहुंचकर उसने अपने आप को विस्फोटक बेल्ट के माध्यम से उड़ा लिया। ये वही जगह है जहां पर अमेरिकी सैनिक और उनके सहयोगियों की भीड़ रहती थी। इस ब्लास्ट में 60 लोगों की जान गई हैं जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें कई तालिबानी भी हैं।
सूत्र ने यह भी खुलासा किया है कि हमलावर, अमेरिकी फोर्स से पांच मीटर की दूरी तक पहुंचने में कामयाब रहा। अमेरिकी फोर्स यहीं से कागजात जमा आदि कराने की प्रकिया की निगरानी करते थे। सैकड़ों ट्रांसलेटर्स और ठेकेदार उनतक कागजात लेकर आते थे। ये लोग उन विदेशी कर्मचारियों, ट्रांसलेटर्स और जासूसों को देश से निकालने की कोशिश कर रहे थे जो पिछले कई सालों से अमेरिकन आर्मी के लिए काम कर रहे थे। यह ठीक नहीं था, इस ब्लास्ट में अब तक 13 से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को कहा था कि अफगानिस्तान की राजधानी आइसिस-के से निरंतर निकासी के लिए एक तीव्र और लगातार खतरा है, जिसका नाम खोरासान है जो ईरान से पश्चिमी हिमालय तक फैली भूमि के लिए मुस्लिम शाही शासकों की एक श्रृंखला द्वारा इस्तेमाल किया गया है।