लीबिया की राजधानी त्रिपोली की एक जेल से रविवार को हुए संघर्ष के बाद करीब 400 कैदी दरवाजे तोड़कर फरार हो गए। प्रतिद्वंद्वी मिलीशियाओं के बीच जारी संघर्ष के ऐन जारा जेल तक फैलने के बाद यह वाकया हुआ। वहीं, यूएएन समर्थित सरकार ने त्रिपोली और उसके आसपास के क्षेत्रों में आपातकाल की घोषणा कर दी है।
सुरक्षाकर्मी कैदियों को फरार होने से नहीं रोक पाए क्योंकि उन्हें अपनी जान का खतरा था। फरार होने वाले अधिकतर कैदी या तो आम अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए थे या वे पूर्व तानाशाह मोअम्मर कज्जाफी के समर्थक थे। कज्जाफी को 2011 में हुए उस विद्रोह के दौरान हत्याओं का दोषी पाया गया था जो उनके शासन के खिलाफ हुआ था।
39 लोगों की मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक आंकड़े के अनुसार त्रिपोली के दक्षिणी उपनगरीय क्षेत्रों में सोमवार को प्रतिद्वंद्वी मिलीशिया के बीच हुए संघर्ष में कम से कम 39 लोग मारे गए हैं और करीब 100 घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि रविवार को त्रिपोली में विस्थापितों के एक शिविर पर रॉकेट दागे गए थे जिसमें कम से कम दो व्यक्तियों की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए। शिविर में रहने वाले अधिकतर परिवार और रॉकेट हमलों के डर से शिविर छोड़कर चले गए हैं। आपातकालीन सेवाओं के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को शिविर पर कम से कम 23 रॉकेट गिरे जिससे लोग हताहत हुए।
क्यों हुई हिंसा
लीबिया में आमतौर पर संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार सत्ता में रहती है, लेकिन देश के अधिकांश हिस्से पर चरमपंथी गुटों का नियंत्रण है। पिछले हफ्ते हिंसा तब शुरू हुई जब चरमपंथियों ने त्रिपोली के दक्षिणी इलाके में हमला किया। इसके बाद उनका स्थानीय सरकार समर्थित चरमपंथी गुटों से संघर्ष चल रहा है।