कोरोना वायरस से दुनिया भर में अब तक 2,10,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। संक्रमितों की कुल संख्या 30 लाख से अधिक हो गई है। वहीं ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को कहा कि देश के कुछ हिस्सों में मस्जिदें फिर से खोली जाएंगी। ईरान में कोरोना वायरस के मामलों में कमी के बाद यह निर्णय लिया जा रहा है। अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 1303 लोगों की मौत हुई है। इस बीच अमेरिकी राज्य कोलाराडो, मिसिसिपी, मिनासोटा, मोंटाना और टेनेसी में लॉकडाउन की पाबंदियां ख़त्म की जाएंगी। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका में लॉकडाउन से बेरोज़गारी और बढ़ेगी।
अमेरिका में संक्रमितों की संख्या 10 लाख के करीब
अमेरिका में कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या नौ लाख 88 हज़ार से ज़्यादा है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, यहां अब तक 56 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि पिछले 24 घंटे के भीतर ही 1303 लोगों की मौत हुई है।
स्पेन में 23,500 मौत, इटली में 26,977 लोगों की जा चुकी है जान
स्पेन में दो लाख 29 हज़ार से अधिक संक्रमित लोग हैं। संक्रमण के लिहाज से स्पेन दूसरे नंबर पर है जबकि यहां अब तक 23,500 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है। वहीं इटली में संक्रमित मरीज़ों की संख्या एक लाख 99 हज़ार से ज़्यादा हो चुकी है। इटली में अब तक 26,977 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस की बात करें तो यहां एक लाख 65 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि यहां 23 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है। संक्रमण के लिहाज से जर्मनी पांचवें पायदान पर है, यहां अब तक एक लाख 58 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ हैं जबकि मरने वालों की संख्या छह हज़ार के पार पहुंची है।
शंघाई में स्कूल खुले, मगर आशंका बरकरार
चीनी शहर शंघाई में बच्चों ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है।
शंघाई में हाई स्कूल और मिडिल स्कूल के फाइनल ईयर के बच्चों ने स्कूल जाना शुरू किया है तो वहीं बीजिंग में बच्चों को यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए स्कूल आने की इजाज़त दी गई है। यह प्रवेश परीक्षा जुलाई में होने वाली है। चीन के दूसरे हिस्सों में कई सप्ताह पहले ही स्कूल खुल गए हैं। वुहान जहाँ से कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत हुई है, वहाँ 6 मई से स्कूल खुलने वाले हैं। चीन की सरकार का कहना है कि उसने कोरोना के संक्रमण पर बहुत हद तक नियंत्रण पा लिया है। चीन में पिछले शुक्रवार से अब तक केवल 26 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही चीन में संक्रमितों की कुल संख्या 82,830 हो गई है। चीन का कहना है कि वुहान में अब कोई भी मरीज़ नहीं है और सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि अभी भी संक्रमण के दूसरे दौर के आने की आशंका है और सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। स्कूल जाने वाले बच्चों को मास्क पहनना और दूरी बनाकर बैठना अनिवार्य है।
इजरायल में 3 मई से स्कूल खुलेंगे
इजरायल सरकार ने 3 मई से स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने का निर्णय लिया है। पहले चरण में किंडरगार्डन और तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूली कक्षाओं को शुरू किया जाएगा। कक्षाएं छोटे-छोटे समूहों में आयोजित की जाएंगी। इस दौरान साफ-सफाई के साथ ही बच्चों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे के दौरान देश में संक्रमण के 112 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15 हजार 555 हो गई है। देश में अब तक 204 लोगों की मौत हो चुकी है।
हम चीन से खुश नहीं:ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनके प्रशासन ने कोरोना वायरस पर चीन की प्रतिक्रिया को लेकर ‘बेहद गंभीर जांच’ शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, “हम चीन से ख़ुश नहीं हैं, हम पूरी परिस्थिति से ख़ुश नहीं हैं क्योंकि हमारा मानना है कि यह वहीं रोका जा सकता था जहां से यह शुरू हुआ।” ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस को फौरन रोका जा सकता था और यह पूरी दुनिया में नहीं फैल पाता। ट्रंप का कहना है, “कोई नहीं स्वीकार करेगा कि जो भी कुछ हुआ उसके लिए एक देश को ज़िम्मेदार ठहराया जाए।” “कोई भी यहां किसी को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा रहा है, हम उन लोगों के समूह को देख रहे हैं जो इसको उसके पैदा होने वाली जगह पर ही रोक सकते थे।” उन्होंने कहा कि अमेरिका उन्हें कभी नहीं भूलेगा जिन्होंने ‘अयोग्यता की वजह के कारण बलिदान दिया या अयोग्यता के अलावा किसी और वजह के लिए।’ चीन की ओर इशारा करते हुए ट्रंप ने कहा, “वे सिर्फ़ हमें नहीं बल्कि पूरी दुनिया को बचा सकते थे।”
डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोकने के ट्रम्प के निर्णय की जांच
अमेरिकी कांग्रेस की समिति ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की फंडिंग रोकने के फैसले की जांच शुरू कर दी है। अमेरिका के विदेश मामलों की कांग्रेस समिति के अध्यक्ष इलियॉट ऐंजल ने विदेश मंत्रालय से इस निर्णय के संबंध में आवश्यक सूचना और दस्तावेज चार मई तक समिति के सामने पेश करने की मांग की। ऐंजल ने सोमवार को विदेश मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में कहा- महामारी के प्रकोप के बीच ट्रम्प का डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोकने का फैसला बदले की कार्रवाई जैसा है। इसकी वजह से लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। डब्ल्यूएचओ की कुछ गलतियां रही हैं, मगर संगठन ने कोरोना को लेकर दुनिया के कई देशों की सरकारों के बीच समन्वय स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।