यह जानकारी व्हाइट हाउस से जारी एक बयान में दी गई है। व्हाइट हाउस के प्रेस उपसचिव एरिक शुल्त्ज ने शुक्रवार को बताया कि राष्ट्रपति की नजर में जो बात महत्वपूर्ण है, वह यह है कि पाकिस्तान को आतंकी समूहों में अंतर नहीं करना चाहिए। पहले भी हम यह बात स्पष्ट कर चुके हैं और कल द्विपक्षीय बैठक में भी यह बात दोहराई गई।
अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान ने सिर्फ उन्हीं आतंकी समूहों को निशाना बनाया, जो पाकिस्तान सरकार के खिलाफ रहे हैं। बृहस्पतिवार को ओवल ऑफिस में ओबामा और शरीफ की मुलाकात लगभग 90 मिनट तक चली। बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए शुल्त्ज ने कहा, ओबामा ने इस बात को रेखांकित किया कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ एक व्यापक, टिकाउ और दीर्घकालिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है, जो कि पाकिस्तानी जनता के लिए प्रगति लाती है और पाकिस्तान के लोकतंत्र एवं नागरिक समाज को मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर आतंकवाद के मुद्दे पर राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री शरीफ दोनों ने ही कहा कि हमारे दोनों देशों को आतंकियों से खतरा है और पाकिस्तानी जनता ने बहुत कष्ट सहे हैं। शुल्त्ज ने कहा, इन नेताओं ने आतंकवाद निरोधी द्विपक्षीय सहयोग को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। शुल्त्ज ने बताया कि बातचीत में ओबामा ने शांतिपूर्ण वार्ता को विफल करने और क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा प्रभावी कदम उठाए जाने के महत्व को रेखांकित किया।
अमेरिका की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा के बाद शुक्रवार को शरीफ पाकिस्तान के लिए रवाना हो गए। विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, निश्चित तौर पर सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है लेकिन यहां आपसी हितों के अन्य मुद्दे भी हैं जिनमें आर्थिक विकास, व्यापार, निवेश, स्वच्छ उर्जा, परमाणु सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय स्थिरता के मुद्दों पर सहयोग शामिल है। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से बेहद प्रभावित हुआ है और उसने बीते कुछ समय में आतंकवाद से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। टोनर ने कहा, हम इन प्रयासों को विस्तार लेते देखना चाहते हैं। लेकिन यह बेहद जटिल स्थिति है। आपके एक ओर अफगानिस्तान है और तालिबान की मौजूदगी लगातार बनी हुई है। फिर भारत के साथ आपका तनाव है, जिसपर गौर किए जाने की जरूरत है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने दोहराया कि भारत और पाकिस्तान को अपने विवाद द्विपक्षीय एवं शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने चाहिए।
टोनर ने कहा, हमारा रूख इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट रहा है कि भारत और पाकिस्तान को वार्ता की जरूरत है। उन्हें सुरक्षा से जुड़ी अपनी आपसी चिंताओं पर एक-दूसरे के साथ चर्चा करनी चाहिए और उनके बीच एक गहरा संपर्क होना चाहिए। क्योंकि उस पूरे क्षेत्र की संपूर्ण सुरक्षा के लिए इन दोनों देशों के बीच बेहतर एवं उन्नत किस्म की वार्ता और अधिक सहयोग महत्वपूर्ण है।