जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के भारत के आंतरिक मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में मात खाने के बाद भी पाकिस्तान का रोना जारी है। अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के परमाणु जखीरे की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर गंभीरता से विचार करने को कहा है। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के आतंकियों के हाथ लगने की आशंकाओं को लेकर अकसर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताएं सुनने को मिलती हैं लेकिन इमरान खान ने बौखलाहट और हताशा में बचकानापन दिखाते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के परमाणु जखीरे की सुरक्षा पर सवाल उठाया है।
इमरान ने उठाया परमाणु हथियार का मसला
दरअसल, पिछले दिनों देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि संभव है भारत भविष्य में पहले हमला न करने की नीति पर विचार करे। कश्मीर मसले को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने के लिए यूएनएससी और दुनिया के नेताओं को मनाने में विफल होने के बाद अब प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के परमाणु हथियार का मसला उठाया है।
दुनिया रखे भारत के परमाणु हथियार पर नजर
इमरान खान ने रविवार को भारत के परमाणु हथियार की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस पर संज्ञान लेने की अपील की। खान ने ट्विटर पर कहा, 'भारत के परमाणु हथियार हिंदू वर्चस्ववादी फासिस्ट मोदी सरकार के नियंत्रण में हैं। इसकी सुरक्षा पर दुनिया गंभीरता से विचार करे, क्योंकि इसका प्रभाव केवल क्षेत्र में ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा।'
मोदी सरकार पाकिस्तान के अलावा भारत के अल्पसंख्यकों के लिए खतरा
उन्होंने ट्वीट किया कि मोदी सरकार पाकिस्तान के अलावा भारत के अल्पसंख्यकों तथा गांधी और नेहरू के भारत के लिए खतरा है। इमरान खान ने आरोप लगाया, 'दुनिया को बोतल से बाहर आए इस जिन्न पर नजर रखनी चाहिए।'
इमरान ने कहा, 'भारत ठीक वैसे ही कट्टर हिंदू विचारधारा के कब्जे में है जैसे कि जर्मनी नाजियों के हाथ में था।' उन्होंने कहा कि दो सप्ताह से कश्मीर में 90 लाख कश्मीरियों को 'डिटेंशन' में रखा गया है और संयुक्त राष्ट्र को पर्यवेक्षकों को वहां भेजा जाना चाहिए।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बौखलाया पाकिस्तान
पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने और कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने को राज्य-हरण करार दिया। संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था। भारत पर प्रतिबंध लगाने के मकसद से पाकिस्तान ने पूरी दुनिया के नेताओं से संपर्क किया लेकिन उसके अच्छे-बुरे दिनों का साथी चीन के सिवा अन्य देशों को इस बात के लिए मनाने में वह विफल रहा।
उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भी दरवाजा खटखटाया जहां इस मसले पर शुक्रवार को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के बीच बंद कमरे में मंत्रणा हुई लेकिन वहां भी चीन को छोड़ यूनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में से अन्य सभी ने जम्मू-कश्मीर के संबंध में भारत के विकास के एजेंडे का समर्थन किया।