पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी जाना अब लगभग तय है। इमरान की अगुवाई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के मुख्य गठबंधन सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम) ने इमरान का साथ छोड़कर विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ हाथ मिला लिया है। इसके साथ ही इमरान खान सरकार ने पाकिस्तान संसद के निचले सदन में अपना बहुमत खो दिया है।
पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। जरदारी ने लिखा, "संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम एक समझौते पर पहुंच गए हैं। राबता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी उक्त समझौते की पुष्टि करेंगे। इसके बाद हम कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ विवरण साझा करेंगे। बधाई हो पाकिस्तान।"
इससे पहले इमरान खान ने आरोप लगाया था कि कुछ लोग विदेशी फंड की सहायता से उनकी सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान ने अपनी रैली के दौरान कहा था, 'पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी पैसे के जरिए कोशिश की जा रही है। हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ज्यादातर अनजाने में, लेकिन कुछ लोग हमारे विरुद्ध पैसे का उपयोग कर रहे हैं। हम पर दबाव डालें। हमें लिखित में धमकी दी गई है। मगर हम राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेंगे।"
बता दें कि 177 सदस्यों के साथ, विपक्ष के पास अब नेशनल असेंबली में ज्यादा संख्या में समर्थक हैं। जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तानी सरकार के संसद में सिर्फ 164 सदस्य रह गए हैंम दरअसल पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, जिसमें बहुमत के लिए 172 सदस्य चाहिए। पीटीआई की अगुवाई वाले गठबंधन के पास 179 सदस्यों का समर्थन था। मगर अब, एमक्यूएम-पी के पार्टी छोड़ने के बाद, पीटीआई के पास केवल 164 सदस्य ही रह गए हैं। जबकि विपक्ष के पास अब नेशनल असेंबली में समर्थकों की तादाद 177 हो गई है।