संयुक्त राष्ट्र में शरीफ के आम बहस के संबोधन पर यहां भारतीय संवाददाताओं को संबोधित करते हुये अकबर ने कहा, हमने एक आतंकवादी के स्तुतिगान के बारे में सुना है। बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का स्वघोषित कमांडर था, यह संगठन एक आतंकवादी संगठन के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से जाना जाता है। अकबर ने कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यह खुद को दोषी ठहराना है। हमने सिर्फ खतरे, धमकी से भरा एक भाषण सुना जिसकी व्याख्या केवल बढ़ती अपरिपक्वता और तथ्यों की पूर्ण उपेक्षा के रूप में की जा सकती है।
अपने करीब 20 मिनट के भाषण में लगभग आधे समय वह कश्मीर पर केन्दि्रत रहे। शरीफ ने कश्मीरियों के स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के रूप में वानी की सराहना की। शरीफ ने कहा था कि भारत के अवैध कब्जे से स्वतंत्रता की मांग को लेकर कश्मीरियों की एक नयी पीढी़ स्वत: ही उठ खड़ी हुयी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्राी ने आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में मारे गये वानी का हवाला एक युवा नेता के रूप में दिया और कहा कि वह ताजा कश्मीरी इन्तिफादा, एक लोकप्रिय और शांतिपूर्ण स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीक के रूप में उभरे हैं।
भारत ने बिना किसी शर्त के एक गंभीर और ठोस बातचीत के शरीफ के आहवान को भी दृढ़ता से खारिज कर दिया। अकबर ने कहा कि इस्लामाबाद अपने हाथ में बंदूक लेकर बातचीत के बारे में बात कर रहा है। अकबर ने कहा, इस समय लगता है कि एक सरकार द्वारा संचालित होने के बजाए पाकिस्तान एक युद्ध मशीन से चल रहा है। पाकिस्तान अपने हाथ में एक आतंकवादी बंदूक लेकर बातचीत करना चाहता है।
उन्होंने कहा, बातचीत और बंदूक एक साथ नहीं चल सकती है। बातचीत को लेकर हमारी स्थिति लगातार एक जैसी है। हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन हम इस्लामाबाद की सरकार के ब्लैकमेल करने की रणनीति का शिकार नहीं होंगे जो आतंकवादियों और आतंकवाद को नीति के रूप में का इस्तेमाल करने का उत्सुक लगता है। शरीफ ने कहा था कि इस्लामाबाद किसी भी मंच या तरीके और बिना किसी शर्त के साथ भारत के साथ संयम और ईमानदारी के साथ सभी उपायों पर बातचीत के लिए तैयार है। हालांकि उन्होंने भारत पर बातचीत में शामिल होने के लिए अस्वीकार्य शर्तों पर अड़े रहने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान द्विपक्षीय परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर सहमति के लिए भी वार्ता को तैयार है।
शरीफ के जम्मू कश्मीर अधिकृत क्षेत्र में भारतीय बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के दावे को सिरे से खारिज करते हुये अकबर ने कहा, जम्मू कश्मीर में केवल एक ही कब्जा है और वह है जम्मू कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तानी सेना का कब्जा, जो कि भारत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया भी यह जानती है कि पाकिस्तान अपने ही लोगों के एक समुदाय विशेष का सफाया करने में लगा हुआ है। अकबर ने कहा, पाकिस्तान अपनी जनता के विकास की कीमत पर युद्ध और आतंकवाद का लगातार उपयोग कर रहा है। पाकिस्तान के लोग एक दुर्भावनापूर्ण नीति की कीमत चुका रहे हैं।
भारत के साथ शांति के लिए काफी कुछ करने की शरीफ की टिप्पणी पर अकबर ने कहा, हमें कुछ नजर नहीं आता। काफी कुछ करने का सवाल ही नहीं उठता? अकबर ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी का रवैया और नीति पहले दिन से एक ही है। भाषा एजेंसी