बहरहाल, विदेशी कंपनियां ईरान के तेल उद्योग और बैंकों के साथ अपने संबंध तुरंत बहाल नहीं कर पाएंगी। यह प्रतिबंध उस समय तक लागू रहेंगे जब तक कि ईरान शर्तों को पूरा नहीं करता। प्रक्रिया का अगला चरण तभी प्रभावी होगा जब संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए पुष्टि करेगी कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे हट गया है। ईरान ने कहा है कि इस लंबी प्रकिया की शुरुआत संभवत: इसी हफ्ते होगी।
करार पर हस्ताक्षर करने वाले देशों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका के दूत आज वियना में मिलेंगे ताकि समझौते के कार्यान्वयन पर निगरानी के लिए एक आयोग का गठन किया जा सके।