इन दो नेपाली महिलाओं ने बताया कि उन्हें किस तरह एक सऊदी राजनयिक के गुड़गांव स्थित एक फ्लैट पर बंधक बनाकर रखा गया और उनका बलात्कार किया। इन महिलाओं ने कहा कि उनका यौन उत्पीड़न करने वाले ये लोग उन्हें जान से मारने की धमकी भी देते थे। गुड़गांव पुलिस द्वारा दोनों महिलाओं को बचाए जाने के बाद सऊदी राजनयिक के खिलाफ बलात्कार के आरोपों में मामला दर्ज कर लिया गया। हालांकि, सऊदी दूतावास के अधिकारियों ने आरोपों से इनकार किया है।
बेहतर भविष्य का प्रलोभन देकर नेपाल से सऊदी अरब और भारत में बेची गईं मां-बेटी ने बताया कि पिछले चार महीने से उनका वेतन नहीं दिया जा रहा था और अब वे जल्द से जल्द घर वापस जाना चाहती हैं। पीड़ित मां ने अपने घाव दिखाते हुए कहा, वे हमें कमरों में बंद रखते थे और हमें बोलने तक नहीं देते थे। वे हमें चाकू दिखाते थे और बात न मानने की स्थिति में हमें मारने की धमकी देते थे।
पीड़ित महिला ने कहा, हमें घर का कामकाज करने के लिए लाया गया था...लेकिन उसने हमारे साथ भयावह चीजें कीं। हम नेपाल वापस जाना चाहते हैं और इन लोगों को जल्द से जल्द जेल भेजा जाना चाहिए। इन महिलाओं को बचाने के अभियान में पुलिस की मदद करने वाले एक एनजीओ के सदस्यों ने कहा कि पीडि़ताओं को एक भारतीय एजेंट को बेच दिया गया था। एनजीओ सदस्य ने कहा, उन्हें नेपाल में भूकंप आने के बाद भारत लाया गया था। महिलाएं दयनीय स्थिति में थीं और कल्पना नाम की एजेंट ने उन्हें 30 हजार रूपये तथा अच्छे खाने की पेशकश की थी। कल्पना ने दोनों को एक-एक लाख रूपये में भारत में अनवर नाम के एजेंट को बेच दिया। इसके बाद इन्हें जेद्दाह ले जाया गया और बाद में भारत लाए जाने के बाद इन पर अत्याचार शुरू हो गए।
गुड़गांव पुलिस ने सोमवार को डीएलएफ फेज-2 में एक फ्लैट पर छापा मारकर दोनों महिलाओं को छुड़ाया था। मामले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। गुड़गांव पुलिस ने सहायता के लिए नेपाली दूतावास से सपंर्क किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हमने स्थानीय पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। सऊदी दूतावास मामले के संबंध में विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं।
- एजेंसी इनपुट