अफगानिस्तान में कब्जा जमाते ही तालिबान ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं। अब उसकी ताजा हरकत से बामियान का वह कांड याद आ गया, जिसमें इसने भगवान बुद्ध की प्रतिमा को बम से उड़ाकर तहस-नहस कर दिया था। दरअसल,अब तालिबान ने बामियान में मारे गए हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता सलीम जावेद ने ट्वीट किया कि ...तो तालिबान ने बामियान में मारे गए हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को उड़ा दिया है। पिछली बार तालिबानियों उन्हें मार डाला था, बामियान स्थित बुद्ध की विशाल मूर्तियों और सभी ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थलों को उड़ा दिया था। बता दें कि 20 साल पहले के अपने राज में तालिबान बर्बर सजाओं और क्रूर शासन के लिए कुख्यात है।
दरअसल, बामियान के बुद्ध चौथी और पांचवीं शताब्दी में बनी बुद्ध की दो खडी मूर्तियां थीं, जो अफगानिस्तान के के बामियान में स्थित थी। वर्ष 2002 में अफगानिस्तान के जिहादी संगठन तालिबान के नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के कहने पर डाइनामाइट से उड़ा दिया गया था।
बता दें कि हजारा नेता अब्दुल अली मजारी एक हजारा नेता था, जिन्हें 1995 में तालिबान ने मार डाला था। तालिबान सालों से हजारा समुदाय पर बार-बार आक्रमण करता रहा है। हजराजत के नाम से जाने जाने वाला हजारा अल्पसंख्यक समूह है, जो मुख्य रूप से अफगानिस्तान के पहाड़ी मध्य क्षेत्र में केंद्रित है। हजारों को मंगोल साम्राज्य के संस्थापक चंगेज खान और मंगोल सैनिकों के वंशज कहा जाता है।