मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड की ओर से देश पर मंडराने वाले खतरे को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने म्यूनिख के सुरक्षा सम्मेलन में मौजूद श्रोताओं से कहा, सईद समाज के लिए एक गंभीर खतरा पेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि देश के वृहद हित को ध्यान में रखते हुए सईद को गिरफ्तार किया गया था।
एक ओर जहां पाकिस्तान हाफिज सईद को पाकिस्तान के लिए खतरा बता रहा है वहीं, अफगानिस्तान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष अब्दुल रउफ इब्राहिमी का कहना है कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान द्वारा सिर्फ आतंकी सूची में डालना ही काफी नहीं है। बल्कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी को खत्म कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान पर भारत और अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों को भी बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि सईद को लाहौर में 30 जनवरी को आतंकवाद रोधी कानून (एटीए) की चौथी अनुसूची के तहत घर में नजरबंद कर दिया गया था। इसके चलते उसकी पार्टी और सहयोगियों की ओर से काफी हंगामा किया गया था। सईद को इस सूची में रखे जाने का अर्थ है कि वह किसी न किसी तरह से आतंकवाद से जुड़ा है। इस माह की शुरूआत में सईद को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाला गया था, जो उसे देश छोड़कर जाने से रोकती है।
चरमपंथ और आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान आसिफ ने कहा, आतंकवाद किसी धर्म का पर्याय नहीं है। आतंकवादी न तो ईसाई हैं न ही मुस्लिम, वे न तो बौद्ध हैं और न ही हिंदू। वे आतंकी और अपराधी हैं।
इस माह पाकिस्तान में आठ आतंकी हमले होने के बाद सईद के खिलाफ कार्रवाई की गई। इन हमलों में सौ से ज्यादा लोग मारे गए। सबसे हालिया हमला सिंध प्रांत की एक प्रसिद्ध सूफी दरगाह में हुआ है। इस आत्मघाती बम हमले में 88 लोग मारे गए।
नवंबर 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के बाद भी सईद को नजरबंद किया गया था, लेकिन वर्ष 2009 में एक अदालत ने उसे मुक्त कर दिया था। मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे। आतंकी गतिविधियों में सईद की संलिप्तता के चलते अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डाॅलर का ईनाम रखा हुआ है।
आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, मैं वैश्विक समुदाय को आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि पाकिस्तान इस युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर तैनात देश है और वह अपनी जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन जारी रखेगा, लेकिन यदि पश्चिमी देशों की नीतियां इसे अलग-थलग करने वाली होती हैं तो इससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में न सिर्फ मदद मिलेगी, बल्कि इससे आतंकवाद भी बढ़ेगा ही। भाषा
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    