जापान में लगातार आए भूकंप के झटकों ने जापान में तबाही मचा दी है। अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैंकड़ों लोग चारों तरफ फैले इमारतों के मलबे में फंसे हैं। भूकंप की वजह से हजारों लोगों को जिम और होटल लॉबियों में जाकर शरण लेनी पड़ी है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है जिसके चलते अभी मरने वालों की संख्या का सही-सही पता नहीं चल पाया है। कुमामाटो प्रांत के अधिकारी तोमोयुकी तनाका ने बताया कि समय के साथ मृतकों की संख्या बढ़ रही है। बीती रात एक बजकर 25 मिनट पर आए 7.3 तीव्रता के भूकंप में 19 लोग मारे गए हैं। जापानी मीडिया के अनुसार करीब दो लाख घरों में बिजली नहीं है। इलाके में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भी ठप हो गई है। टीवी न्यूज के फुटेज में दिख रहा है कि बचाव केंद्रों में एक-एक कंबल में कई-कई लोग सिमटे बैठे हैं, चारों ओर खामोशी है।
इस भूकंप ने दक्षिण पश्चिमी क्यूशु द्वीप को हिलाकर रख दिया। गुरूवार की रात क्यूशु में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें दस लोग मारे गए थे और 800 अन्य घायल हुए थे। तनाका ने बताया कि घायलों की संख्या लगातार बदल रही है और उनके पास कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। इन भूकंपों के बाद अन्य भूकंपीय झटकों का आना जारी है। आज सुबह 5.4 तीव्रता का झटका भी महसूस किया गया। जापान मौसम एजेंसी ने कहा कि आज तड़के आया भूकंप मुख्य भूकंप हो सकता है जबकि इससे पूर्व आया भूकंप, भूकंप के आने से पहले का झटका हो सकता है। दोनों भूकंपों का केंद्र करीब दस किलोमीटर की गहराई में स्थित था जिससे इसके सतह के अधिक करीब होने के कारण इमारतों को अधिक नुकसान हुआ।
मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने शनिवार को बताया कि कुमामाटो पुलिस थाने और ओइता के पास के करीब 100 थानों में 300 से अधिक फोन आए जिनमें लोगों ने मदद की गुहार लगाई और मलबे के नीचे दबे लोगों को निकाले जाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि 16 हजार सैनिक राहत कार्यों में लगे हैं। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि 7.3 तीव्रता के भूकंप से हुआ नुकसान बहुत अधिक हो सकता है। परमाणु नियामक प्राधिकरण ने क्यूशु के सेनदाई परमाणु संयंत्र में किसी प्रकार की गड़बड़ी से इंकार किया है। सरकारी प्रसारक एनएचके टीवी ने दिखाया कि ऐतिहासिक कुमामाटो महल से पत्थर के टुकड़े नीचे गिरे और परिसर में एक लकड़ी का ढांचा ध्वस्त हो गया। आर्क होटल में ठहरे अतिथि चेतावनी सायरन और झटकों के चलते नींद से जाग उठे।