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खत्म करें परमाणु हथियारों के परीक्षण का पागलपन: यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) प्रमुख बान की मून ने बुधवार को अमेरिका, चीन और परमाणु हथियार से लैस अन्य राष्ट्रों से अनुरोध किया है कि वह सीटीबीटी में सुधार कर परमाणु हथियारों के परीक्षण के पागलपन को अंतत: समाप्त करें। इस साल सितंबर में सीटीबीटी के 20 साल पूरे होने वाले हैं।
खत्म करें परमाणु हथियारों के परीक्षण का पागलपन: यूएन प्रमुख

विएना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यूएन प्रमुख बान ने कहा, मैं राष्ट्रों से अपील करता हूं कि वह हस्ताक्षर करें और बिना किसी देरी के संधि में सुधार करें। उन्होंने कहा, परमाणु परीक्षण से जल प्रदूषित होता है, कैंसर होता है और क्षेत्र में रेडियोएक्टिव विकिरण फैलता है जिसका परिणाम आने वाली कई पीढि़यों को भुगतना पड़ता है। हम यहां पीडि़तों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं। उनके लिए सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि होगी परमाणु परीक्षणों को रोकना और प्रतिबंधित करने की कार्रवाई। उनकी तकलीफों को दुनिया को यह पगलपन खत्म करना सिखाना चाहिए।

 

संयुक्त राष्ट्र महासभा में सितंबर 1996 में सीटीबीटी को स्वीकार किया गया था जो सभी परमाणु विस्फोटों को प्रतिबंधित करता है। इस संधि पर 183 देशों ने हस्ताक्षर किया है और रूस, फ्रांस तथा ब्रिटेन सहित 164 देशों ने इसे स्वीकार किया है। ये तीनों दुनिया के उन नौ देशों में शामिल हैं जिनके पास परमाणु हथियार है या माना जाता है कि मौजूद है। लेकिन इसे पूरी तरह लागू करने के लिए जरूरी है कि परमाणु तकनीक वाले 44 देश इसे स्वीकार करें। अभी तक ऐसे आठ देशों ने संधि को स्वीकार नहीं किया है। इन आठ देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इस्राइल तथा ईरान और मिस्र शामिल हैं।

 

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