मोबाइल टॉवरों से मानव और जीव जंतुओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंकाओं को बेबुनियाद बताते हुए दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि मोबाइल टॉवरों से मानव जीवन को किसी प्रकार का खतरा नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) प्रमुख बान की मून ने बुधवार को अमेरिका, चीन और परमाणु हथियार से लैस अन्य राष्ट्रों से अनुरोध किया है कि वह सीटीबीटी में सुधार कर परमाणु हथियारों के परीक्षण के पागलपन को अंतत: समाप्त करें। इस साल सितंबर में सीटीबीटी के 20 साल पूरे होने वाले हैं।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के विशेषज्ञों का दावा है कि मोबाइल टावरों के विद्युत चुंबकीय क्षेत्राें (ईएमएफ) से निकलने वाला विकिरण देश के बच्चों या व्यस्कों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव डालते हुए नहीं प्रतीत होते।
कचरे पर कोई हाथ नहीं डालना चाहता...और बात बेहद रेडियोधर्मी कचरे की हो तब तो बिल्कुल नहीं। फिर भी भारतीय परमाणु विज्ञानियों ने इस काम को अपने हाथ में लेते हुए दुनिया में पहली बार परमाणु उर्जा संयंत्रों से निकलने वाले कचरे से रेडियोधर्मी तत्व सीजियम की एक एेसी दुर्लभ किस्म विकसित की है।
प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
शुक्रवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव की खबर से दहशत फैल गई। खबर मिलते ही एनडीआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र को विकिरणमुक्त करा लिया। शुरुआत में माना गया कि किसी रेडियोधर्मी पदार्थ का रिसाव हुआ है। यह पदार्थ फोर्टिस अस्पताल के लिए तुर्की के एक कार्गो विमान से लाया गया था। दिन भर एयपोर्ट को विकिरणमुक्त करने के लिए मशक्कत जारी रही। लेकिन शाम को परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड और दिल्ली सरकार ने किसी रेडियोधर्मी पदार्थ के रिसाव से साफ इन्कार कर दिया।