भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने आज पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया और उनसे कहा कि उरी में हुआ आतंकी हमला सिर्फ इस बात को रेखांकित करता है कि पाकिस्तान में आतंकवाद का ढांचा सक्रिय बना हुआ है। जयशंकर ने आतंकवादियों के शव से मिले जीपीएस का ब्यौरा भी बासित को सौंपा जिसके जरिये वे अपने साथियों के संपर्क में थे। इस जीपीएस के ब्यौरे से यह भी संकेत मिलता है कि आतंकवादियों ने किस स्थल से और किस समय नियंत्रण रेखा पार किया और घटनास्थल तक पहुंचने का उनका रास्ता क्या था। आतंकवादियों के पास पाकिस्तानी निशान वाले हथगोले भी थे जो उरी हमले में पाकिस्तान की भूमिका का सबूत है। हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे।
विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से कहा, अगर पाकिस्तान की सरकार इन सीमा पार हमलों की जांच कराने की इच्छुक है तो भारत उरी एवं पुंछ हमलों में मारे गए आतंकवादियों के फिंगरप्रिंट और डीएनए नमूने प्रदान करने को तैयार है। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद के समर्थन और प्रायोजन से दूर रहने की अपनी सार्वजनिक प्रतिबद्धता पर खरा उतरे। उन्होंने बासित को याद दिलाया कि पाकिस्तान ने जनवरी, 2004 में यह प्रतिबद्धता जताई थी कि वह भारत के खिलाफ अपनी सरजमीं अथवा नियंत्रण वाले क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देगा। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि इस हलफनामे का निरंतर और तेजी से हो रहा उल्लंघन गंभीर चिंता का विषय है।