अमेरिकी संसद ने राष्ट्रीय रक्षा विधेयक, 2019 पारित कर सीएएटीएस कानून के तहत भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगने की आशंका को खत्म करने का रास्ता निकाल लिया है।
प्रतिबंधों के जरिए अमेरिका के विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई कानून (सीएएटीएसए) के तहत उन देशों के खिलाफ प्रतिबंध लगाये जाते हैं जो रूस से महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों की खरीद करते हैं।
अमेरिकी कांग्रेस के सीनेट ने 2019 वित्त वर्ष के लिए जॉन एस मैक्केन नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट (एनटीएए) (रक्षा विधेयक) कल 10 मतों के मुकाबले 87 मतों से पारित कर दिया गया। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में यह विधेयक पिछले सप्ताह ही पारित हो चुका है। अब यह कानून बनने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के वास्ते व्हाइट हाउस जाएगा।
इस विधेयक में सीएएटीएसए के प्रावधान 231 को समाप्त करने की बात कही गयी है।
व्हाइट हाउस में राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य रहे जोसुआ व्हाइट ने पीटीआई को बताया कि सीएएटीएसए के नये संशोधित प्रावधानों को कानूनी रूप मिलने के बाद भारत के लिए रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदना आसान हो जाएगा।
हालांकि, उनका कहना है कि कानून की भाषा बेहद कठोर लग रही है, लेकिन रूस से रक्षा खरीद करने वाले देशों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने वाले प्रावधानों का बेहद नरम कर दिया गया है।
रक्षा विधेयक में एक प्रावधान किया गया है जिसके तहत अमेरिका और अमेरिकी रक्षा संबंधों के लिए महत्वपूर्ण साझेदार को राष्ट्रपति एक प्रमाणपत्र जारी कर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंधों से छूट दे सकता है।