अमेरिका ने अपनी एयरलाइंसों को एडवाइजरी जारी कर पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र (एयर स्पेस) का इस्तेमाल करने से बचने के प्रति आगाह किया है। अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान चरमपंथियों और आतंकवादी समूहों द्वारा उनकी एयरलाइंस (वाणिज्यिक और अमेरिकी राज्य एयरलाइंस) पर हमला हो सकता है।
यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने एक बयान जारी कर कहा है कि विमान पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों का निशाना हो सकते हैं। ज्ञात रहे कि यह एडवाइजरी ऐसे वक्त जारी हुई है, जब दो दिन पहले बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर कई प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था। वहीं अब अमेरिकी ने भी बगदाद में हवाई हमले को अंजाम दिया है।
नीचे उड़ान भरने वाले विमानों को अधिक खतरा
एडवाइजरी में कहा गया है कि अमेरिकी विमानों को आतंकी संगठन और कट्टरपंथियों से खतरा हो सकता है। जो विमान नीचे उड़ान भरते हैं, उनके लिए अधिक खतरा हो सकता है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान में कुछ आतंकी संगठनों के बारे में शक है कि उनकी पहुंच मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम तक है। इसके जरिए पाकिस्तान में सिविल एविएशन पर भी हमला हो सकता है।
उड़ानों को लंबा रूट लेना पड़ेगा
अगर अमेरिका ने अपनी एयरलाइंस को पाकिस्तान के एयरस्पेस के इस्तेमाल से रोक दिया तो पाकिस्तान के लिए भी यह नुकसानदेह होगी। वहीं अन्य देश भी पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल करने से बचेंगे। ऐसे में पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने के बाद यूरोप, अमेरिका और गल्फ क्षेत्र वाली उड़ानों को लंबा रूट लेना पड़ेगा। लंबे रूट से यात्रा का वक्त बढ़ जाएगा। भारत से अमेरिका की हवाई यात्रा की बात करें, तो इसका समय लगभग तीन घंटे तक बढ़ जाएगा। लंबे रूट की वजह से केवल अधिक ईंधन की ही नहीं बल्कि अतिरिक्त क्रू और अतिरिक्त पायलट्स की भी आवश्यकता होती है। इससे एयरलाइंस का ऑपरेशन कॉस्ट बढ़ जाती है जिसका प्रभाव किराये पर भी पड़ सकता है।