नासा ने चंद्रयान 2 की लैंडिंग की कुछ हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें जारी की हैं। तस्वीरों के आधार पर नासा का कहना है कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद के सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई। यह तस्वीरें नासा के लूनर ऑर्बिटर कैमरा के जरिए खींची गई है। चंद्रमा के जिस अनछुए सतह पर भारत के महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट चंद्रयान-2 की लैंडिंग होनी थी, वहां लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई।
विक्रम लैंडर मॉड्यूल ने एक समतल सतह पर लैंडिंग का प्रयास किया, लेकिन यह उम्मीद के मुताबिक नहीं हो सका। इसके बाद 7 सितंबर को इसरो के साथ नासा का सम्पर्क पूरी तरह से खत्म हो गया। नासा की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'विक्रम की सतह पर नासा की हार्ड लैंडिंग हुई, यह साफ है। स्पेसक्राफ्ट किस जगह पर लैंड हुआ यह अभी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता। तस्वीरें केंद्र से 150 किलोमीटर दूरी से ली गई हैं।'
लोकेशन को लेकर अभी तक संदेह कायम
गौरतलब है कि 7 सितंबर को लैंडर विक्रम को चांद के सतह पर लैंड करना था। चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग का यह भारत का पहला प्रयास था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के मुताबिक, लैंडिंग साइट से 17 सितंबर को एलआरओ पास हुआ और हाई रेजॉलूशन तस्वीरें वहां से ली है। अभी तक एलआरओसी की टीम को इमेज और लैंडर की लोकेशन का पता नहीं चल सका है।
Our @LRO_NASA mission imaged the targeted landing site of India’s Chandrayaan-2 lander, Vikram. The images were taken at dusk, and the team was not able to locate the lander. More images will be taken in October during a flyby in favorable lighting. More: https://t.co/1bMVGRKslp pic.twitter.com/kqTp3GkwuM
— NASA (@NASA) September 26, 2019
अक्टूबर में लैंडर विक्रम की तस्वीर लेने का प्रयास
नासा अब 14 अक्टूबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से अंधेरा छंटने के बाद एक बार फिर अपने लूनर रिकॉनेसा ऑर्बिटर (एलआरओ) के कैमरे से विक्रम लैंडर की लोकेशन जानने और उसकी तस्वीर लेने का प्रयास करेगा। पहले भी एजेंसी ऐसी कोशिशें कर चुकी है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। लूनर रेजॉनेंस ऑर्बिटर मिशन के डेप्युटी प्रॉजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर ने पीटीआई को ईमेल के जरिए दिए जवाब में कहा, 'जिस समय लैंडिंग एरिया की तस्वीरें ली गई वहां बहुत ज्यादा धुंधलका था। संभव है कि विक्रम लैंड ऐसे ही धुंधवाले किसी भाग में होने की वजह से नजर न आया हो। अक्टूबर में प्रकाश स्थिति बेहतर होगी और उस दौरान लैंडर की तस्वीर लेने की फिर से कोशिश की जाएगी।