व्लादिमीर पुतिन (65) एक बार फिर 6 साल के लिए रूस के राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। रविवार को हुए चुनाव में उन्हें 76 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। पुतिन के सबसे नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनिन को महज 13.2 फीसदी वोट मिले।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुतिन के समर्थक इसे भले ही बड़ी जीत मान रहे हों लेकिन नवाल्नी ने चुनाव को फेक बताया और अपने समर्थकों से इसका बायकॉट करने को कहा। नवाल्नी ने देशभर में चुनाव में गड़बड़ी का पता लगाने 33 हजार वॉलंटियर भी भेजे। नवाल्नी ने ये भी कहा कि चुनाव में जबर्दस्त धांधली हुई। बता दें कि पुतिन के सबसे बड़े आलोचक रहे अलेक्सी नवाल्नी को कानूनी वजहों से चुनाव लड़ने से रोक दिया गया।
पुतिन के लिए देश के संविधान में संशोधन तक करना पड़ा है। दरअसल, पुतिन 2000 से 2008 तक लगातार दो बार रूस राष्ट्रपति चुने गए। जबकि रूस के संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता। इसलिए 2008 में पुतिन प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े हुए और जीत हासिल की और 2012 में पुतिन ने दोबारा राष्ट्रपति बनने में दिलचस्पी दिखाई और उनके लिए देश के संविधान में संशोधन भी कर दिया गया। बदलाव के मुताबिक, रूस में 2 बार राष्ट्रपति बनने की सीमा को समाप्त किया गया। साथ ही उनके कार्यकाल को 4 साल से बढ़ाकर 6 साल भी कर दिया गया।