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डब्लूएचओ ने पाया स्कूल जाने वाले बच्चों में सैक्स, धूम्रपान, शराब का सेवन हुआ कम

एचबीएससी द्वारा 42 देशों के 22 लाख बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी आदतों का अध्ययन से सामने आए कई नए तथ्य
डब्लूएचओ ने पाया स्कूल जाने वाले बच्चों में सैक्स, धूम्रपान, शराब का सेवन हुआ कम

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्कूल जाने वाले बच्चों के स्वास्थ्य व्यवहार (एचबीएससी) के एक दिलचस्प अध्ययन को जारी किया है। इस रिपोर्ट में 42 देशों के 22 लाख बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी आदतों का अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन का शीर्षक है, गैर बराबरी में बढ़ते, युवाओं के स्वास्थ्य और खुशहाली है और इसे बेलजियम में जारी किया गया।

इसमें सामने आया है कि उम्र बढ़ने के साथ माता-पिता के साथ दिन भर में एक बार खाना खाने का रुझान भी तेजी से घट रहा है। पहले की तुलना में धूम्रपान करना और शराब पीना कम हुआ है। उसी तरह से सैक्स करने का प्रतिशत भी लड़कों में पहले के 29 फीसदी से घटकर 24 फीसदी हो गया है और लड़कियों में यह 23 फीसदी से घटकर 17 फीसदी हो गया है।

इस रिपोर्ट में 11-15 साल के बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी चीजों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। इसमें इस उम्र के बच्चों पर रिश्तों, परिवार के समर्थन और स्कूल के माहौल, तंबाकू, नशा लेने संबंधी विविध आयामों को समेटा गया है। यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों में किए गए इस अध्ययन में सामने आया है कि 15 साल के युवा का तकरीबन बीस फीसदी हिस्सा अपनी मां से उन मुद्दों पर बात करने में सहज नहीं महसूस करते, जिनसे वह वाकई में प्रभावित होते है। लड़का-लड़की दोनों को ही अपनी मां की तुलना में इन पेचीदा सवालों पर अपने पिता से बात करने में मुश्किल नहीं होती। हालांकि पिता से बात करने में ज्यादा सहज लड़के होते हैं।

कमसिन उम्र के पांच में से एक अपने स्कूल के बाद आठ बजे से पहले अपने दोस्तों के साथ बिताते हैं। अपने दोस्तों से रोजाना सोशल मीडिया पर संपर्क करना बढ़ा है, हालांकि अलग-अलग देशों के हिसाब से बढ़ता घटता है। लड़कियों में यह प्रवृत्ति ज्यादा है। लड़कियों को स्कूल जाना लड़कों की तुलना में ज्यादा पसंद होता है।

ऐसे ही खाने-पीने में भी लड़कों और लड़कियों के व्यवहार में अंतर पाया गया है। लड़कों की तुलना में लड़कियां ज्यादा नाश्ता मिस करती हैं। जबकि उन्हें लड़कों ती तुलना में फल खाना ज्यादा पसंद आता है। 

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