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क्यों सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा ब्लू फॉर सूडान, प्रोफाइल पर किसकी नीली तस्वीर लगा रहे यूजर्स

उत्तर अफ्रीका के देश सूडान में इन दिनों सोशल मीडिया पर ब्लू कैंपेन चल रहा है। लोग लोकतंत्र और देश के...
क्यों सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा ब्लू फॉर सूडान, प्रोफाइल पर किसकी नीली तस्वीर लगा रहे यूजर्स

उत्तर अफ्रीका के देश सूडान में इन दिनों सोशल मीडिया पर ब्लू कैंपेन चल रहा है। लोग लोकतंत्र और देश के पक्ष में हैशटैग के साथ ब्लू फॉर सूडान लिखकर नीले रंग की फोटो शेयर कर रहे हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है इसकी वजह?

ट्विटर पर लोगों ने अपनी प्रोफाइल पर ब्लू फोटो लगाई है। दरअसल, यह अभियान मृतक मोहम्मद मत्तार के समर्थन में चल रहा है। मत्तार 3 जून को दो महिलाओं की रक्षा करते हुए सुरक्षाबलों के हमले में मारे गए थे और कि मत्तार का फेवरेट कलर ब्लू इंडिगो था।

26 साल के मत्तार के दोस्त ने सबसे पहले अपने ट्विटर अकाउंट प्रोफाइल पर वही फोटो लगाई, जो मत्तार के इंस्टाग्राम पर लगी थी। जिसके बाद यह अभियान 11 जून से शुरू हो गया। इसी दिन से मत्तार को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग इस तरह की फोटो अपनी प्रोफाइल पर लगाने लगे। इस अभियान में सेलिब्रिटी गायक रिहाना भी शामिल हो गईं। इसी के बाद से पूरे देश में इस अभियान ने जोर पकड़ लिया।

#BlueForSudan आंदोलन क्या है?

दरअसल,  दक्षिण सूडान में सरकार और विपक्षी ताकतों के बीच जारी संघर्ष काफी हिंसक हो गया है। इस दौरान जहां 100 से अधिक लोग मारे गए और आरोप है कि शवों को नील नदी में फेंक दिया गया।

नरसंहार के पहले पीड़ितों में से एक 26 वर्षीय इंजीनियर मोहम्मद मत्तार था। मत्तार को 3 जून के हमलों के दौरान सूडानी अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज द्वारा कथित तौर पर बुरी तरह से गोली मार दी गई थी, जबकि वह कथित तौर पर उस समय दो महिलाओं की रक्षा करने की कोशिश कर रहा था।

उनका पसंदीदा रंग नीला था, सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी स्मृति को सम्मानित करने के लिए अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम प्रोफाइल को नीला कर दिया।

हैशटैग #BlueForSudan का उपयोग करते हुए, हजारों यूजर तब से आंदोलन में शामिल हो गए हैं।

हालांकि, सेना ने राष्ट्रीय सुरक्षा कदम का हवाला देते हुए देश में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो विरोध आंदोलनों और दुनिया के साथ जुड़ने में बाधा है। दक्षिण सूडान में भोजन की गंभीर कमी का सामना कर रहे लोगों की संख्या सबसे अधिक है, तीन संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने आज चेतावनी दी।

सूडान में क्यों हैं ऐसे हालात?

सूडान कभी तेल और हाथी के दांत के कारण काफी मशहूर था। यहां विकास भी काफी हुआ। लेकिन ये विकास उत्तरी सूडान तक सिमटकर रह गया और दक्षिणी सूडान तक नहीं पहुंचा। जिसके कारण यहां के लोग कभी संतोषजनक नहीं दिखाई दिए। फिलहाल यहां बीते कई दिनों से लोग लोकतंत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसे दबाने के लिए यहां की सैन्य सरकार ने हिंसक कार्रवाई भी की। जिसमें बहुत से लोगों की मौत हुई है।

सूडान में महीनों से चले आ रहे विरोध प्रदर्शन के कारण बीते 30 साल से सत्ता पर काबिज रहे राष्ट्रपति उमर अल बशीर ने अपना पद छोड़ दिया था। जिसके बाद सत्ता पर सैन्य सरकार काबिज हो गई। अब प्रदर्शन कर रहे लोग लोकतांत्रिक सरकार की मांग पर अड़े हुए हैं। इन लोगों का प्रदर्शन अभी भी जारी है।

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