एक महिला उम्मीदवार सलमा ने सऊदी अरब के मक्का नगर परिषद की सीट से जीत दर्ज कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। सऊदी निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष ओसामा अल बार ने सलमा की जीत का ऐलान कर यह जानकारी दी। अब सलमा सऊदी की पहली महिला निर्वाचित प्रतिनिधि बन गई हैं। सलमा ने अपना चुनाव दो महिला और 7 पुरुष उम्मीदवारों को हरा कर जीता है। नगर पालिका परिषद् की सीटों पर लड़ रहे कुल 6440 उम्मीदवारों में से 978 महिलाएं थीं।
बता दें कि सऊदी अरब में राजतंत्र है और वहां सिर्फ निकाय चुनाव होते हैं। यह निकाय चुनाव अब तक का तीसरा चुनाव है। सऊदी अरब में साल 1965 से लेकर 2005 के बीच 40 सालों के दौरान कोई भी चुनाव नहीं हुआ। वर्ष 2005 में देश का पहला नगर निगम चुनाव हुआ और उसके बाद 2011 में दूसरा। दोनों ही बार केवल पुरुषों को ही चुनाव में भाग लेने की इजाजत थी। इस बार केे चुनाव में पुरूष और महिला मतदाताओं ने अलग-अलग मतदान केन्द्रों पर मतदान किया।
सउदी अरब में पहली बार महिलाओं को मताधिकार इस्तेमाल करने और जनप्रतिनिधि बनने का अधिकार मिला है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए महिलाओं को कई अडचनें पार करनी पड़ीं। सऊदी अरब में महिलाओं के वाहन चलाने पर प्रतिबंध है और उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर खुद को सिर से पैर तक ढक कर रखना होता है। बहरहाल, सलमा की जीत से सऊदी की महिलाओं में खुशी की लहर देखी जा रही है। जीत के बाद वहां की महिलाओं की प्रतिक्रिया में उनकी खुशी साफ देखी जा सकती है। माना जा रहा है कि इस जीत से सऊदी की महिलाओं को अपने हक की आवाज बुलंद करने में सहूलत होगी। गौरतलब है कि मतदान के दौरान पुरुषों ने जमकर महिलाओं को प्रोत्साहित किया। मतदान के दौरान घर की महिलाओं को कारों और अन्य वाहनों से मतदान स्थल तक पुरुष खुद लेकर आते दिखे थे।
अभी सभी सीटों के परिणाम नहीं आए हैं, मतों की गिनती अभी भी जारी है। उम्मीद की जा रही है कि अंतिम परिणाम आने तक कई अन्य महिला उम्मीदवार भी जीत हासिल कर सकती हैं। सऊदी अरब के इन निकाय चुनावों में कुल 978 महिला उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। देश भर में 2100 निगम परिषद सीटों के लिए शनिवार को मतदान हुआ था। इसके अलावा निगम परिषद की 1050 सीटों पर सऊदी अरब के शाह सलमान की मंज़ूरी से नियुक्ति होगी। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इस चुनाव में लगभग 1.30 लाख महिलाओं ने मतदान करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। इन चुनावों को सऊदी अरब के इतिहास में बेहद अहम माना जा रहा है। इस चुनाव के माध्यम से वहां की महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा मिलने का रास्ता तय होगा।