पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। पाकिस्तान की एक अदालत ने विवादास्पद सिफर मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान की सरकारी मीडिया और पीटीआई के एक प्रवक्ता ने राज्य के दस्तावेज़ों को लीक करने के मामले में इमरान खान और शाह महमूद क़ुरैशी को जेल की सज़ा सुनाए जाने की पुष्टि की है, जिसे आम तौर पर सिफर केस कहा जाता है।
पार्टी के एक प्रवक्ता ने एएफपी को बताया, "पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान और पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के उपाध्यक्ष कुरेशी को सिफर मामले में 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है।" खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रवक्ता जुल्फिकार बुखारी के अनुसार, अदालत ने रावलपिंडी के गैरीसन शहर की एक जेल में फैसले की घोषणा की।
अधिकारियों का कहना है कि इमरान खान और उनके डिप्टी शाह महमूद क़ुरैशी को मामले में मंगलवार के फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार है। पाकिस्तान पुरुष क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, इमरान खान को अप्रैल 2022 में संसद में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से बाहर कर दिया गया था। खान वर्तमान में भ्रष्टाचार के मामले में तीन साल की जेल की सजा काट रहे हैं।
दूसरी तरफ पाकिस्तान से एक और बड़ी खबर सामने आई। पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले नाइजीरिया के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. गुडलक जोनाथन के नेतृत्व में राष्ट्रमंडल की 13 सदस्यीय पर्यवेक्षक टीम देश की चुनावी प्रक्रिया का स्वतंत्र और व्यापक मूल्यांकन करने आएगी। राष्ट्रमंडल सचिवालय के मीडिया और जनसंपर्क मामलों के प्रभाग ने एक बयान में यह जानकारी दी। पाकिस्तान में आम चुनाव के तहत आठ फरवरी को मतदान होगा और करीब 12.8 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।