रूस-यूक्रेन के बीच बिगड़ते हालात पर भारत लगातार नजर बनाया हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें यूक्रेन संकट समेत विभिन्न मुद्दों पर जानकारी दी।
सरकार ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों, ज्यादातर छात्रों को निकालने के लिए "ऑपरेशन गंगा" शुरू किया है। सूत्रों के अनुसार, मोदी ने कोविंद को यूक्रेन संकट और वहां फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के अनुसार अभी तक लगभग 8000 भारतीयों को सुरक्षित देश लाया जा चुका है।
सरकार ने सोमवार को यूक्रेन के कई पड़ोसी देशों में निकासी अभ्यास के समन्वय के लिए चार मंत्रियों को भेजने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वी के सिंह भारत के ‘‘विशेष दूत’’ के तौर पर यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे। बता दें कि सिंधिया रोमानिया, रिजिजू स्लोवाकिया, हरदीप पुरी हंगरी जाएंगे और वीके सिंह पोलैंड जाएंगे।
गौरतलब है रूस लगातार यूक्रेन कर रहा है और रूस के आक्रमक रुख को रोकने के लिए तमाम वैश्विक प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद रूस रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रूस के तरफ से यह कई बार कहा जा चुका है कि यूक्रेन हथियार डाल दे। लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति भी अडिग हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति का कहना है कि हम कोई हथियार नहीं डालेंगे, हम अपनी सेना और अपने देश में विश्वास करते हैं। हम यूक्रेन की रक्षा करेंगे।
यूक्रेन की मदद के लिए यूरोपीय संघ ने हथियार भेजने का फैसला किया। यूक्रेन ने इस बीच दावा किया है कि उसके हमले में 4300 रूसी मारे गए हैं और 200 से ज्यादा सैनिक युद्धबंदी बनाए गए हैं।