रूसी समाचार एजेंसी टीएएसएस का हवाला देते हुए रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बुधवार को डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया के चार यूक्रेनी क्षेत्रों को औपचारिक रूप से जोड़ने के लिए एक कानून पर हस्ताक्षर किए।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस कदम से वैश्विक समुदाय में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है क्योंकि उनका यह फैसला अंतरराष्ट्रीय नियमों के भी विपरीत है। जाहिर है कि इसी सप्ताह रूसी संसद के दोनों सदनों ने यूक्रेन के चारों क्षेत्रों के विलय वाले कानून को पारित कर दिया था।
बता दें कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की द्वारा राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा गया है कि यूक्रेन की सेना ने पिछले सप्ताह रूसी सेना के खिलाफ प्रमुख, तेजी से प्रगति की है। उन्होंने कहा कि दक्षिण और पूर्व के क्षेत्रों में दर्जनों शहरों को वापस ले लिया है जिसे रूस ने घोषित किया है।
इस बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ज़ेलेंस्की के साथ बात की और कहा कि यूक्रेन संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है, साथ ही यह भी रेखांकित किया कि परमाणु सुविधाओं के खतरे के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन की क्षेत्रीय संप्रभुता के लिए भारत के समर्थन के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और रेखांकित किया कि यूक्रेन व्लादिमीर पुतिन के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा।