समाचार चैनल डॉन न्यूज के अनुसार, फतवे में कहा गया है कि पुरूष होने की निशानी रखने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्ति महिला होने की निशानी रखने वाले ट्रांसजेंडर से शादी कर सकते हैं। इसी तरह महिला होने की निशानी रखने वाली ट्रांसजेंडर पुरुष होने की निशानी रखने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्ति से शादी कर सकती हैं।
हालांकि इस फतवे में यह भी कहा गया है कि दोनों लिंग की निशानी रखने वाले ट्रांसजेंडर किसी से शादी नहीं कर सकते। इन धर्मगुरूओं ने ट्रांसजेंडर को उनकी पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी से दूर रखने को गैरकानूनी करार दिया और कहा कि जो मां-बाप अपने ट्रांसजेंडर बच्चों को संपत्ति से महरूम करते हैं वे खुदा के खौफ को दावत देते हैं। मौलवियों ने सरकार से अपील की है कि ऐसे मां-बाप के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस फतवे में ट्रांसजेंडर लोगों को सामाजिक स्तर पर सम्मान दिए जाने की भी पैरवी की गई है। इसमें कहा गया है कि ट्रांसजेंडर लोगों को अपमानित करना और उनका मजाक बनाना हराम है। धर्मगुरूओं ने कहा कि ट्रांसजेंडर लोगों की मौत होने पर उनकी अंत्येष्टि से जुड़ी उन्हीं रस्मों की अदायगी होगी, जो दूसरे मुस्लिम पुरूष या महिला की मौत पर होती है।
फतवा जारी करने वाले तंजीम इत्तेहाद-ए-उम्मत के मौलवियों में शामिल हैं इमरान हनफी, पीर करामत अली, अबू बकर अवान, मसुदुर रहमान, ताहिर तबस्सुम कादरी, खलिल यूसुफ, गुल अतीकी, गुलजार नईमी, इंतिखाब नूरी, अब्दुल सत्तार सईदी और खिजारुल इस्लाम।