पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ इन दिनों आतंकी संगठनों की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं। मुशर्रफ ने आतंकी संगठन अलकायदा का समर्थन करने की बात कही है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुशर्रफ ने शनिवार को कहा कि वह इस्लामाबाद की सुरक्षा के लिए लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं।
मुशर्रफ ने यह बात अपने उस बयान के लगभग एक महीने बाद कही है, जिसमें उन्होंने खुद को इन दो संगठनों का सबसे बड़ा समर्थक करार दिया था। एआरवाई न्यूज ने मुशर्रफ के बयान का हवाला देते हुए कहा, “वे लोग देशभक्त होते हैं। उन्होंने पाकिस्तान के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। यजि वह राजनीतिक दल बनाते हैं तो उन्हें कौन रोक सकता है।”
ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के मुखिया मुशर्रफ ने कहा कि अब तक उनसे इन दोनों की संगठनों ने गठबंधन के लिए कोई संपर्क नहीं किया है, लेकिन यदि वे साथ आना चाहते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “मैं उदारवादी हूं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं धार्मिक रुझान वाले लोगों से घृणा करता हूं। मैं लश्कर-ए-तैयबा का सबसे बड़ा समर्थक हूं। मैं यह भी जानता हूं कि लश्कर और जमात के लोग भी मुझे पसंद करते हैं।”
मुशर्रफ ने पिछले महीने ही 23 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर महागठबंधन तैयार करने की बात कही थी। इनमें पाकिस्तान अवामी तहरीक, सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल, मजलिस-ए-वहदतुल मुसलमीन, पाकिस्तान सुन्नी तहरीक, मुस्लिम कॉन्फ्रेंस (कश्मीर), जमीयत-उलमा पाकिस्तान और आम आदमी पार्टी और पाकिस्तान मसावत पार्टी जैसी पार्टी शामिल हैं।