हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों का पुलिस के साथ टकराव एक बार फिर तेज हो गया है। हांगकांग की दंगा पुलिस ने रविवार को प्रदर्शनकारियों पर टियर गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की। जबकि प्रदर्शनकारियों की ओर से पत्थर और पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे। हांगकांग में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ।
सरकारी मुख्यालय पर हमले का प्रयास
रविवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी अधिकारियों के आदेश का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए और रैली के लिए एकत्रित होने के लिए मार्च करने लगे। हांगकांग से अपराधियों को चीन भेजने संबंधी एक विधेयक को लेकर शुरू हुआ आंदोलन पिछले 99 दिनों से जारी है। रैली के लिए निकली भीड़ आगे बढ़ रही थी, तभी मुख्य आंदोलनकारियों के एक छोटे समूह जिसे आंदोलनकारी बहादुर कहते हैं, ने सरकारी मुख्यालय पर हमला करने का प्रयास किया।
प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल बम फेंके
पुलिस ने आंदोलनकारियों को तिरत-बितर करने के लिए टियर गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन से पानी की बौछारें चलाईं। आंदोलनकारियों ने मुख्यालय के बाहर तैनात सिक्योरिटी बैरियर पर पत्थर और पेट्रोल बमों से हमले किए। पिछले कुछ दिनों से पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच इस तरह के टकराव आम हो गए हैं।
चीन के पोस्टर, झंडे जलाए
स्थानीय टीवी नेटवर्क पर वीडियो दिखाई दिए जिनमें प्रदर्शनकारी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 70वीं स्थापना दिवस के पोस्टर फाड़ रहे हैं और आग लगा रहे हैं। इसके अलावा चीन के झंडे को जलाने की भी वीडियो दिखाई दी। कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरीकेड्स ला दिए और सबवे स्टेशनों को आग लगा दी। लेकिन भीड़ कमोवेश पुलिस से सीधा टकराव लेने से बचती दिखाई दी और वे पुलिस अधिकारियों के नजदीक आने पर भाग खड़े हुए। पिछले कई दिनों शांति रहने के बाद रविवार को आंदोलन और हिंसा तेज हो गई।
स्वायत्तता घटने से नाराज हैं लोग
कभी शांत और स्थिर इंटरनेशनल बिजनेस हब हांगकांग पिछले कई हफ्तों से हिंसा और आंदोलन में घिर गया है। लोकतंत्र समर्थक 1997 में ब्रिटेन से चीन को हस्तांतरण के बाद हांगकांग की स्वायत्तता में कमी आने से नाराज है। हाल में हांगकांग की सरकार ने एक विधेयक पेश किया जिसके अनुसार अपराधियों को चीन भेजा जा सकता था। इसके बाद आंदोलन भड़क गया। इसे स्वायत्तता छीनने के तौर पर देखा गया। हालांकि बाद में चीन में यह विधेयक वापस ले लिया लेकिन कुछ और मांगों को लेकर आंदोलनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।