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नहीं हुई लखवी की रिहाई

जकिउर रहमान लखवी को जेल से उसकी रिहाई के पहले ही लोक सुरक्षा आदेश के तहत और 30 दिनों के लिए हिरासत में ले लिया है।
नहीं हुई लखवी की रिहाई

पाकिस्तान ने 2008 मुंबई हमले के सरगना जकिउर रहमान लखवी को जेल से उसकी रिहाई के पहले ही लोक सुरक्षा आदेश के तहत और 30 दिनों के लिए हिरासत में ले लिया। एक अदालत ने शुक्रवार को उसे जेल से रिहा करने का आदेश दिया था जिस पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था।

पंजाब सरकार के गृह विभाग के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, पंजाब सरकार ने मैंटिनेंस ऑफ पब्लिक आर्डर (एमपीओ) के तहत 30 दिन के लिए लखवी के हिरासत का आदेश जारी किया है। वह अडियाला जेल में कैद रहेगा जहां उसे अभी मुंबई हमला मामले में हिरासत में रखा गया है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट से लश्कर ए तैयबा के ऑपरेंशस कमांडर लखवी की रिहाई के आदेश के खिलाफ कड़ा विरोध जताते हुए खफा भारत ने कल पाकिस्तान उच्चायुक्त अब्दुल बासित को नयी दिल्ली में तलब किया था।

गृह विभाग के अधिकारियों ने कहा कि गृह मंत्रालय के अनुरोध पर 55 वषीय लखवी के हिरासत का आदेश जारी किया गया। लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने दावा किया कि पंजाब सरकार ने पाकिस्तान के संविधान का उल्लंघन कर आदेश जारी किया। उन्होंने कहा, असल में, पंजाब सरकार ने एमपीओ के तहत लखवी को हिरासत में रखकर अदालत की अवमानना की है। आईएससी ने एमपीओ को दो बार निलंबित किया था।

उन्होंने कहा कि वह इस अवैध आदेश को सोमवार को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। अब्बासी ने कहा, पंजाब सरकार ने मामले को और जटिल बनाकर एमपीओ को विवादास्पद बना दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हाईकोर्ट पहली सुनवाई में ही पंजाब सरकार के आदेश को खारिज कर देगा। रावलपिंडी की अदियाला जेल के अधिकारियों ने लखवी को शुक्रवार को रिहा करने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि महज फैक्स से प्राप्त अदालत के आदेश के आधार पर लखवी को रिहा नहीं किया जा सकता।

जेल के एक अधिकारी ने कहा,  हमने लखवी के वकील से कहा कि फैक्स से प्राप्त इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर हम उसे रिहा नहीं कर सकते। अधिकारी ने कहा, हमने उनसे (लखवी के वकील से) कहा कि वे अदालत के आदेश की प्रमाणित प्रति लाएं। अधिकारी ने बताया कि आईएचसी के जज नूरूल हक कुरैशी ने कानून व्यवस्था बनाने रखने के लिए लखवी की हिरासत के सरकारी आदेश को गैरकानूनी बताते हुए उसकी तत्काल रिहाई के आदेश दिए थे।

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