आतंकवाद के आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद नये कानून के तहत 13 साल की सजा पाने वाले नशीद (47) मालदीविन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) में अपना नेतृत्व और सदस्यता खो देंगे।
यह कानून 42 वोटों के साथ पारित किया जबकि इसके खिलाफ सिर्फ दो वोट ही पड़े।
एमडीपी के सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया लेकिन मजलिस (संसद) में प्रदर्शन किया क्योंकि डिप्टी स्पीकर रीको मूसा मनिक ने मेगाफोन और सायरन का इस्तेमाल कर मतदान की घोषणा की जिससे उनकी आवाज सुनाई नहीं दी। सत्तारूढ़ प्रोग्रेशिव पार्टी ऑफ मालदीव के पास संसद में एक मजबूत बहुमत है।
प्रेस से बात करते हुए एमडीपी अध्यक्ष अली वहीद ने कहा कि पार्टी संशोधन को स्वीकार नहीं करेगी और अपने खुद के नेता को चुनेगी।
पार्टी ने कहा कि जेल की सजा के बावजूद नशीद एमडीपी के राष्टपति उम्मीदवार बने हुए हैं।
वहीद ने कहा कि सरकार अपने पास पूरी ताकत होने के चलते सभी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों का सफाया करने की कोशिश कर रही है। गौर करें, वे आखिरकार एमडीपी को छिन्न भिन्न करने की कोशिश करेंगे। लेकिन हमारे दिलों में जो कुछ है उससे वे कैसे छुटकारा पाएंगे।
एमडीपी सांसद ईवा अब्दुल ने कहा कि सरकार द्वारा मजलिस का इस्तेमाल किए जाने को पार्टी स्वीकार नहीं करेगी।
गौरतलब है कि एक अदालत ने तीन साल पहले नशीद के राष्ट्रपति रहने के दौरान एक वरिष्ठ न्यायाधीश को गैर कानूनी रूप से गिरफ्तार करने को लेकर 13 मार्च को उन्हें आतंकवाद रोधी कानून के तहत दोषी ठहराया था। वह देश के लोकतांत्रिाक रूप से निर्वाचित प्रथम नेता थे। उन्हें 22 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।