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नशीद की गिरफ्तारी से भारत चिंतित

देश की समुद्री सीमा पर भारत के लिए चिंता की नई वजह पैदा हो गई है। पड़ोसी देश मालदीव के भारत समर्थक समझे जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को पुलिस ने आतंकवाद रोधी कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया है। नशीद वर्तमान में विपक्षी नेता हैं।
नशीद की गिरफ्तारी से भारत चिंतित

इस गिरफ्तारी पर भारत ने सोमवार को कहा कि वह मालदीव के हालिया घटनाक्रम पर चिंतित है। भारत ने सभी पक्षों से संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत अपने मतभेद सुलझाने के लिए कहा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा, हम पूर्व राष्ट्रपति नशीद की गिरफ्तारी और दुर्व्यवहार सहित मालदीव में हालिया घटनाक्रम को लेकर चिंतित हैं। हम सभी पक्षों से स्थिति को शांत करने तथा मालदीव के संवैधानिक एवं कानूनी ढांचे में रहते हुए अपने मतभेद सुलझाने का अनुरोध करते हैं।

नशीद को वर्ष 2012 में राष्ट्रपति पद पर रहते हुए एक वरिष्ठ न्यायाधीश की गिरफ्तारी का आदेश देने के आरोप में आतंकवाद रोधी कानून के तहत रविवार को गिरफ्तार किया गया। न्यायाधीश की गिरफ्तारी के आदेश के बाद देश में हिंसा भड़क गयी थी। उनकी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष अली वाहीद ने ट्वीट किया है कि 47 वर्षीय नशीद को दोपहर दो बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार किया गया। नशीद के गिरफ्तारी के बाद आशंका जताई जा रही है कि मालदीव में भारत विरोधी ताकतें मजबूत हो सकती हैं और देश का सत्ता पक्ष चीन और पाकिस्तान की ओर झुक सकता है। ऐसा होना भारत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

नशीद को जनवरी 2012 में फौजदारी अदालत के न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद की विवादित हिरासत मामले में आतंकवाद के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है। फौजदारी अदालत की ओर से जारी गिरफ्तारी वारंट में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति सुनवाई से भागने का प्रयास कर सकते थे। इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए फरवरी, 2013 में नशीद ने माले स्थित भारतीय दूतावास में शरण ली थी। पूर्व राष्ट्रपति के कार्यालय के अनुसार नशीद को धूनिधो जेल में रखा गया है। पार्टी अध्यक्ष अली वहीद को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।

नशीद 2008 में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए देश के पहले नेता थे। फरवरी 2012 में उन्हें पद छोड़ने के लिद मजबूर किया गया। उस दौरान पुलिस और सेना ने विद्रोह कर माले स्थित नशीद के पार्टी कार्यालय पर नियंत्रण कर लिया था। हालांकि तत्कालीन उपराष्ट्रपति और उनके उत्तराधिकारी मोहम्मद वहीद ने कहा कि न्यायाधीश की गिरफ्तारी के नशीद के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद उन्होंने स्वयं पद छोड़ा था। नवंबर 2013 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए विवादित चुनाव में उन्हें देश के पूर्व तानाशाह मौमून अब्दुल गयूम के भाई यामीन गयूम के हाथों पराजय झेलनी पड़ी थी। नशीद की पार्टी ने मालदीव के महाभियोजक और राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम से नशीद को तुरंत रिहा करने की मांग की है। नशीद की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों और पुलिस के बीच झड़पें शुरू हो गई हैं।

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