शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद नेपाल में ताजा झटकों ने लोगों में घबराहट फैल दी है। आज दोपहर भी नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की आशंका के चलते ठंडी रात में खुले में सोने को मजबूर हैं। राहत एजेंसियों का कहना है कि शक्तिशाली भूकंप की चपेट में आने से नेपाल के दूरस्थ पर्वतीय इलाके लगभग पूरी तरह तबाह हो गए हैं।
हालांकि अब मदद धीरे-धीरे दूरदराज के इलाकों में भी पहुंचनी शुरू हो गई है लेकिन भूकंप बाद के ताजा झटकों के कारण लोग घबराए हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवीय संस्थाओं ने तत्काल राहत प्रयासों की अपील की है। आईएफआरसी में एशिया प्रशांत के निदेशक जगन चापागेन ने कहा, सिंधुपालचौक जिले के चौतारा से लौटे हमारे एक दल ने बताया है कि वहां 90 प्रतिशत मकान नष्ट हो गए हैं। अस्पताल ढह गए हैं और लोग अपने परिवार वालों को जीवित पाने की आस में हाथों से मलबा हटा रहे हैं।
उन्होंने कहा, हमें आशंका है कि उन अन्य स्थानों पर भी स्थिति ऐसी ही होगी जहां मदद अभी तक पहुंच नहीं पाई है। अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस महासंघ ने एक बयान में बताया कि केवल सिंधुपालचौक में अनुमानत: 40,000 मकान नष्ट हो गए हैं। राजनयिकों ने शुक्रवार को बताया था कि हिमालयी नेपाल में ईयू के 1000 से अधिक नागरिकों का अब भी कुछ पता नहीं है।