मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाही इंसानियता फाउंडेशन को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों संगठनों को राहत देते हुए इन्हें पाकिस्तान में सामाजिक और चैरिटी कार्य को करने की इजाजत दे दी है।
दरअसल, ये फैसला दो जजों की पीठ ने दिया है जिसमें जस्टिस मंजूर अहमद और जस्टिस सरदार तारिक मसूद शामिल थे। इस फैसले को पाकिस्तान की सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि ये फैसला इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद आया है।
हाफिज की संस्थाओं पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी पाबंदियां लगाई थी
गौरतलब है कि इससे पहले हाफिज सईद की कई संस्थाओं पर पाकिस्तान में रोक लगा दी थी। हाफिज की संस्थाओं पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी पाबंदियां लगाई थी। इस फैसले के बाद हाफिज ने कहा था, 'हम अल्लाह के शुक्रगुजार हैं कि जिसने जमात-उद-दावा की जीत दी, जो कि लगातार मानव सेवा में जुटी है।'
1 जनवरी को लगी पाबंदी
पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, UN की सुरक्षा परिषद और पाकिस्तान सरकार हाफिज की संस्था पर पाबंदी लगाई थी। इसके साथ उसकी संस्थाओं की फंडिंग पर भी रोक लगा दी थी। इसके अलावा UN के पास मौजूद लिस्ट में कई आतंकी संगठनों के नाम हैं जिन पर उसने रोक लगाई है।
पाकिस्तान में हाफिज का नेटवर्क
पाकिस्तान में हाफिज सईद 300 मदरसे, स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सेवा को चलाता है। साथ ही हाफिज की संस्थाओं में 50 हजार लोग काम करते हैं। इस लिहाज से अगर देखा जाए तो हाफिज का पाकिस्तान में काफी बड़ा नेटवर्क है।