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यूएन से बोला अफगानिस्तान, दूसरों की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है पाकिस्तान

अफगानिस्तान ने सीधा हमला करते हुए पाकिस्तान के सरकारी ढांचे के अंदर मौजूद तत्वों पर क्षेत्र में सक्रिय ज्यादातर आतंकी समूहों को सहयोग देने का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए परमाणु सौदों की या एफ 16 लड़ाकू विमानों की नहीं बल्कि राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है।
यूएन से बोला अफगानिस्तान, दूसरों की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है पाकिस्तान

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) पर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में बहस के दौरान विश्व निकाय में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि महमूद सैकल ने कहा कि तालिबान नेता मुल्ला अख्तर मंसूर का पता लगाया गया और पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में वह मारा गया। उन्होंने कहा कि यह घटना उजागर करती है कि मंसूर के पास उस फर्जी नाम से पाकिस्तानी पासपोर्ट था जिस नाम से वह पाकिस्तानी हवाईअड्डों से कई बार विमानों से आता जाता था। सैकल ने कहा, इसके बावजूद इंकार करना, दोमुंही बातें करना और अफगानिस्तान की कमजोरी के आरोप लगाने का सिलसिला जारी है और अगर हमें आतंकवाद की रोकथाम में सफल होना है तो इस पर विराम लगना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के सरकारी ढांचे के अंदर मौजूद तत्व क्षेत्र में सक्रिय ज्यादातर आतंकी समूहों को सहयोग दे रहे हैं।

 

सैकल ने कहा कि बीते 15 साल में ओसामा बिन लादेन तथा तालिबान नेताओं मुल्ला उमर एवं मंसूर सहित कई शीर्ष आतंकवादी पाकिस्तान में रहे और वहीं उनकी जान गई। उन्होंने कहा कई शीर्ष आतंकवादियों का पाकिस्तान में रहना और उनका सुरक्षित शरणस्थलियों में ही मारा जाना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि देश ने दूसरे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह तालिबान के खिलाफ प्रतिबंध व्यवस्था पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का भी खुला उल्लंघन है। उन्होंने नेशनल असेंबली के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा दिए गए संबोधन का हवाला दिया जिसमें अफगान नेता ने पाकिस्तान से क्यूसीएस समझौतों का सम्मान करने और पड़ोसी देश को अपना ठिकाना बना कर रह रहे आतंकवादियों एवं उनके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया था। सैकल ने कहा हम मानते हैं कि इस कार्य को पूरा करने के लिए परमाणु समझौतों या एफ 16 लड़ाकू विमानों की नहीं बल्कि राजनीतिक इच्छा शक्ति और ईमानदार पुलिस कार्रवाई की जरूरत है।

 

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