बासित की टिप्पणियां एेसे समय आई हैं जब पाकिस्तानी बलों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम का उल्लंघन किया है। बासित ने कहा, जहां तक जम्मू-कश्मीर की बात है तो हम इस साल के स्वतंत्रता दिवस को कश्मीर की आजादी के लिए समर्पित करते हैं। हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, मौजूदा अशांति खत्म होनी चाहिए। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर की साहसी जनता को कूटनीतिक, राजनीतिक और भावनात्मक स्तर पर तब तक अपना पूरा समर्थन देता रहेगा जब तक उन्हें आत्मनिर्णय का उनका अधिकार नहीं मिल जाता।
बासित ने कहा कि चाहे जितनी भी ताकत का इस्तेमाल क्यों न कर किया जाए लेकिन जम्मू-कश्मीर की जनता की राजनीतिक आकांक्षाओं को दबाया नहीं जा सकेगा और स्वतंत्रता आंदोलन अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचेगा।अपने संबोधन में बासित ने कहा कि पाकिस्तान ने द्विपक्षीय मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान और सार्वभौम समानता के आधार पर हमेशा से भारत के साथ अच्छे संबंध चाहे हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि कश्मीरी जनता के वैध संघर्ष को महत्वहीन नहीं माना जा सकता और न ही इसे नजरअंदाज किया जा सकता है। बासित ने कहा कि इस मतभेद के हल के लिए संरा के संबंधित प्रस्ताव का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अंतररराष्ट्रीय समुदाय की है। भाषा एजेंसी