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संकट में राजपक्षे, बेटे के खिलाफ हत्या के आरोप की जांच

श्रीलंकाई जांचकर्ताओं ने कब्र खोद कर मशहूर रग्बी खिलाड़ी का शव निकाला है ताकि उसका फॉरेंसिक परीक्षण किया जा सके। जांचकर्ताओं ने यह कदम इन आरोपों के बीच उठाया गया है कि अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के शासनकाल में उनके बेटे को बचाने के लिए जांच बंद कर दी थी। पुलिस के प्रवक्ता रूवान गुनाशेखरा ने कहा कि रग्बी खिलाड़ी वसीम थाजुद्दीन के शव को दोबारा जांच के लिए कोलंबो के देहीवेला उपनगर में कब्र खोदकर निकाला गया।
संकट में राजपक्षे, बेटे के खिलाफ हत्या के आरोप की जांच

प्रवक्ता ने कहा, सीआईडी ने थाजुद्दीन की मौत की जांच की थी। मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद वैज्ञानिक जांच के लिए शव न्यायिक चिकित्सा अधिकारी (जेएमओ) को सौंप दिया गया है। जेएमओ थुसिथ तेन्नाकून ने कहा, शव को पॉलिथीन में लपेटा गया था। इसलिए यह जांच में मददगार होगा। ऐसी अफवाहें थीं कि थाजुद्दीन की हत्या पूर्व राष्ट्रपति के दूसरे बेटे एवं साथी रग्बी खिलाड़ी योशिता के साथ किसी निजी झगड़े के चलते की गई थी। महिंदा राजपक्षे के पहले बेटे नमल ने इस सप्ताह बीबीसी को बताया कि वे लोग पारिवारिक मित्र थे।

राजपक्षे ने वर्ष 2012 में हुई रग्बी खिलाड़ी की विवादास्पद मौत में अपने बेटे की संलिप्तता से रविवार को इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि मामले को दोबारा खोला जाना अगले सप्ताह के संसदीय चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक रूप से प्रेरित है। उन्होंने कल कहा, पहले उन्होंने हमें लुटेरा कहा और अब वे हमें हत्यारा कह रहे हैं। राजपक्षे परिवार इस बात की शिकायत करता रहा है कि मौजूदा सरकार इस परिवार को निशाना बना रही है। ताजुद्दीन की कार मई, 2012 में जली हुई हालत में पाई गई थी। उसका शव कार के अंदर पाया गया था। पुलिस ने इसे मोटर दुर्घटना करार दिया था, लेकिन स्थानीय मीडिया में खबरें आई थीं कि उसको एक निजी झगड़े के चलते मारा गया था और इसमें योशिता संलिप्त था।

जनवरी में हुए राष्ट्रपति चुनाव में मैत्रिपाला सिरीसेना के हाथों राजपक्षे की हार होने के बाद कुछ ऐसे साक्ष्य सामने आए थे, जिनसे यह संकेत मिलता था कि ताजुद्दीन की हत्या से जुड़े पुलिस रिकॉर्डों के साथ संभवत: छेड़छाड़ की गई थी। पड़ोसी क्षेत्र से मिली सीसीटीवी फुटेज से भी ये संकेत मिलते हैं कि हत्या से पहले ताजुद्दीन का अपहरण किया गया था। पिछले माह पुलिस ने एक अदालत को बताया था कि उन्हें इस मामले में ताजा साक्ष्य मिले हैं और वे इस मामले को दोबारा खोलना चाहते हैं। सरकार के प्रवक्ता रजीथा सेनारत्ने ने राजपक्षे के सुरक्षा दल के तीन लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इन लोगों ने ताजुद्दीन का अपहरण किया और फिर हत्या कर दी। राजपक्षे ने आश्वासन दिया था कि यदि उनकी पार्टी यूपीएफए संसदीय चुनाव जीत जाती है तो वह चुनाव के बाद जांच जारी रखेंगे। राजपक्षे 17 अगस्त को होने वाले संसदीय चुनाव के लिए मैदान में हैं। वह श्रीलंका के ऐसे पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं, जो पद छोड़ने के बाद संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं।

राजपक्षे पर उनके लगभग एक दशक लंबे शासनकाल के दौरान सरकार के अरबों डॉलर की हेरफेर करने का आरोप है। वह अपने कई सगे संबंधियों के साथ भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कोई भी गलत काम करने की बात को खारिज करते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के आरोप राजनीतिक षडयंत्र हैं।

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