संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आईएसआईएल एवं अलकायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को अपनी दाउद से संबंधित सूची में संशोधन किया है। भारत की ओर से प्रदान किए गए छह पतों में संशोधन नहीं हुआ जबकि तीन पतों को हटा दिया गया। सूची में से जो पते हटाए गए उनमें से एक पता संयुक्त राष्ट्र में इस्लामाबाद की दूत मलीहा लोधी के आवास का है। सुरक्षा परिषद की आईएसआईएल और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने इस पते को रेखांकित किया और काट दिया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र को सौंपे गए डोजियर में पाकिस्तान में अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के नौ पतों का उल्लेख करते हुए कहा था कि दाउद उन स्थानों पर अक्सर आता है। इसके बारे में पूछे जाने पर भारत के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सूचीबद्ध जानकारी में दाउद का एक पता गलत था। यह पता राजदूत मलीहा लोधी का था, दाउद का नहीं। पाकिस्तान में दाउद के आवासों की जानकारी दो साल पहले बनाए गए उस डोजियर में है, जिसे पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज और उनके भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के बीच वार्ता के दौरान सौंपा जाना था। यह वार्ता बाद में रद्द हो गई थी।
डोजियर में कहा गया, दाउद को पाकिस्तान में अपने ठिकाने और पते तेजी से बदलने के लिए जाना जाता है। उसने पाकिस्तान में अकूत संपत्ति जुटाई है और वह पाकिस्तानी एजेंसियों की सुरक्षा में आता-जाता है। समिति ने जो एक और संशोधन किया है, वह दाउद के परिवार से जुड़ा है। परिवार से जुड़ी जो सूचना सूची में रेखांकित की गई है, वह है- पिता का नाम शेख इब्राहीम अली कासकर, मां का नाम अमीना बी, पत्नी का नाम महजबीं शेख है।दाउद को तीन नवंबर 2003 में सूचीबद्ध किया गया था। उससे जुड़ी जानकारी को मार्च और जुलाई 2006, जुलाई 2007, और मार्च 2010 में संशोधित किया गया। संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए दाउद की संपत्ति कुर्क है और उसकी यात्राओं पर प्रतिबंध है। संशोधन के दौरान दाउद के जन्मस्थान के रूप में दर्ज बंबई को काटकर महाराष्ट्र के रत्नागिरी स्थित खेर किया गया। इसमें उसके दूसरे नामों के रूप में शेख फारूकी, बड़ा सेठ, बड़ा भाई, इकबाल भाई, मुच्छड़ और हाजी साहब दर्ज हैं।
संशोधन में उसके विभिन्न पासपोर्टों की जानकारी भी दर्ज है। इनमें वे पासपोर्ट भी हैं, जो पाकिस्तान में जारी किए गए। इसमें कहा गया है कि दाउद को 18 अगस्त 1985 को एक पासपोर्ट दुबई में जारी किया गया। एक पासपोर्ट रावलपिंडी में 12 अगस्त 1991 में जारी किया गया। इसमें इन दो पासपोर्टों के गलत इस्तेमाल का जिक्र किया गया है। दाउद को जुलाई 1996 में कराची में और जुलाई 2001 में रावलपिंडी में भी पासपोर्ट जारी किया गया। दाउद वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में भारत में वांछित है। इन हमलों में 257 लोग मारे गए थे और लगभग एक हजार लोग घायल हुए थे। वह अन्य आतंकी हमलों का भी मास्टर माइंड बताया जाता है और वह धनशोधन एवं रंगदारी का भी आरोपी है।