पड़ोसी देश श्रीलंका में जारी राजनीतिक उठापटक क बीच राष्ट्रपति मत्रीपाला सिरीसेना ने कहा है कि अपनी हत्या की साजिश के चलते उन्होंने रनिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से हटाया है। सिरिसेना के अनुसार उनके विरोधी उनकी हत्या की साजिश रच रहे थे।
राजनीतिक उठापक के बीच राष्ट्रपति सिरिसेना से रविवार को पहली बार राष्ट्र को संबोंधित किया। टीवी पर दिए राष्ट्र के नाम संबोंधन में राष्ट्रपति ने कहा कि 2015 में जीत के बाद विक्रमसिंघे का राजनीतिक आचरण असहनीय था और वे (प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे) श्रीलंका के भविष्य के साथ अपने उन करीबी लोगों के साथ मिलकर खिलवाड़ कर रहे थे, जिन्हें आम आदमी से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने सुशासन की अवधारणा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और भ्रष्टाचार और बेकारी प्रचलन में आ गई थी। वह सामूहिक जिम्मेदारी का मजाक उड़ाते हुए घमंडी होकर मनमाने ढंग से फैसले ले रहे थे।”
विक्रमसिंघे को हटाकर राजपक्षे को पीएम नियुक्त किया
आपको बता दें कि श्रीलंका में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह और महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था। महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के दो बार राष्ट्रपति रह चुके हैं। इसके एक दिन बाद राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने शनिवार को संसद 16 नवंबर तक निलंबित कर दी थी। जबकि विक्रमसिंघे बहुमत साबित करने के लिए संसद सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे राष्ट्रपति का असंवैधानिक कार्य मान रहे हैं।
श्रीलंका की संसद में राजपक्षे और सिरिसेना की कुल 95 सीटें हैं और बहुमत से पीछे हैं। वहीं, विक्रमसिंघे की पार्टी यूएनपी के पास 106 सीटें हैं जो बहुमत से केवल सात कम है।
संघर्ष में एक की मौत
राजनीति के इस संघर्ष में दोनों गुटों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई जिसमें एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई है। खबर के अनुसार राजधानी कोलंबो में बर्खास्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के समर्थकों और उनकी सरकार में पेट्रोलियम मंत्री अर्जुन रणतुंगा के अंगरक्षकों की नव नियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के साथ भिडंत हो गई। इस दौरान पेट्रोलियम मंत्री अर्जुन रणतुंगा के बॉडीगार्ड ने गोलियां चला दी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई।
भारत और अमेरिका का रुख
श्रीलंका के इस घटनाक्रम पर भारत ने उम्मीद जताई है कि श्रीलंका में संवैधानिक प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक मूल्यों का का सम्मान होगा। भारतीय विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा “भारत श्रीलंका में राजनीतिक गतिविधियों पर करीबी नजर रख रहा है। एक लोकतांत्रिक और एक करीबी पड़ोसी होने के नाते हम उम्मीद करते हैं कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक प्रक्रियाओं का सम्मान किया जाएगा।“ उन्होंने कहा कि भारत, श्रीलंका के लोगों के विकास के लिए अपना सहयोग जारी रखेगा।
वहीं अमेरिका ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति से कहा है कि वे जल्द से जल्द (तुरंत) संसद का सत्र बुलाएं जिससे चुने हुए प्रतिनिधि ही जनता के हित में अंतिम रूप से कोई फैसला कर सकें।