तालिबान के पिता के नाम से मशहूर एक मौलाना द्वारा संचालित मदरसे के छात्र 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल थे। यह जानकारी अधिकारियों ने एक अदालत को दी।
रावलपिंडी के आतंकवाद निरोधक अदालत में मामले की सुनवाई कल हुई। सुरक्षा कारणों से सुनवाई अदियाला जेल के अंदर हुई।
डॉन अखबार ने खबर दी है कि पेशावर की फेडरल जांच एजेंसी (एफआईए) के निरीक्षक नसीर अहमद और उपनिरीक्षक अदनान ने अदालत को बताया कि दारूल उलूम हक्कानिया के छात्र बेनजीर की हत्या में संलिप्त थे।
दोनों सरकारी गवाहों ने अपने बयान के समर्थन में साक्ष्य भी सौंपे।
दारुल उलूम हक्कानिया के शिक्षा निदेशक वीसाल अहमद ने अपने बयान में स्वीकार किया कि संदिग्ध आत्मघाती बम हमलावर अब्दुल्ला उर्फ सद्दाम नादिर उर्फ कारी इस्माइल और गिरफ्तार संदिग्ध राशिद उर्फ तुराबी और फैज मोहम्मद ने मदरसे से शिक्षा हासिल की थी लेकिन इस दावे को खारिज कर दिया कि मदरसा उनसे जुड़ा हुआ था।
उन्होंने कहा कि संदिग्धों ने शिक्षा पूरी करने से पहले ही मदरसा छोड़ दिया था।
मदरसा खैबर पख्तूनख्वा जिले के नौशेरा के अकोरा खट्टक में स्थित है और इसके मालिक सामी उल हक हैं और इस मदरसे से कई हाईप्रोफाइल तालिबान नेता और लड़ाके निकले हैं जिसमें जलालुद्दीन हक्कानी भी शामिल है जो हक्कानी नेटवर्क का संस्थापक माना जाता है।
मदरसे के पूर्व छात्र अपने नाम में हक्कानी उपनाम जोड़ते हैं।