अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार, 25 जून 2025 को नीदरलैंड्स में नाटो शिखर सम्मेलन में दावा किया कि 21 जून को ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों ने इजरायल-ईरान के 12 दिन के युद्ध को समाप्त कर दिया। ट्रंप ने इन हमलों की तुलना 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमलों से की, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध को खत्म किया था। उन्होंने कहा, "मैं हिरोशिमा या नागासाकी का उदाहरण नहीं देना चाहता, लेकिन यह वही बात थी। उस हमले ने युद्ध खत्म किया, और इसने इस युद्ध को खत्म किया।"
ट्रंप ने दावा किया कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों को "पूरी तरह नष्ट" कर दिया गया, जिससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम "दशकों पीछे" चला गया। हालांकि, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स ने संकेत दिए कि हमलों से क्षति आंशिक थी और ईरान ने यूरेनियम भंडार पहले ही सुरक्षित कर लिया था। ट्रंप ने इन रिपोर्ट्स को "अनिश्चित" बताते हुए खारिज कर दिया।
24 जून को कतर की मध्यस्थता से लागू सीजफायर के बाद भी दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप लगाए। इजरायल ने बीरशेबा में मिसाइल हमले में चार मौतों का जिक्र किया, जबकि ईरान ने इसे खारिज किया। ट्रंप ने दोनों देशों की आलोचना की, लेकिन इजरायल से विशेष रूप से नाराजगी जताई।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा कि इजरायल के हमले बंद होने तक कोई समझौता नहीं होगा। तेल की कीमतें 7% गिरकर $68.76 प्रति बैरल पर पहुंच गईं।