लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरुवार को पीएनबी घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी की हिरासत 27 जून तक बढ़ा दी है। मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। साथ ही जज ने भारत सरकार से पूछा है कि नीरव को कौनसी जेल में रखा जाएगा, 14 दिन में इसकी जानकारी दें।
इस समय नीरव मोदी साउथ-वेस्ट लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है।19 मार्च को सेंट्रल लंदन की मेट्रो बैंक ब्रांच से नीरव की गिरफ्तारी हुई थी। वह बैंक खाता खुलवाने पहुंचा था। धोखाधड़ी तथा मनी लांड्रिंग मामले में कोर्ट उसके प्रत्यर्पण का आदेश दे चुकी है लेकिन उसके खिलाफ नीरव मोदी ने अपील दायर कर रखी है।
भारत ने दिए यूके कोर्ट को कागजात
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई में भारत की ओर से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले से संबंधित कागजात उपलब्ध कराए गए। यूके की कोर्ट में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाली क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने 8 मई को चीफ जज एम्मा आर्बुथनोट को भरोसा दिलाया था कि 30 मई को सुनवाई के दौरान तमाम कागजात पेश किए जाएंगे।
तीन बार खारिज हो चुकी है जमानत
पिछली सुनवाई के दौरान नीरव मोदी की जमानत याचिका चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बुथनोट ने खारिज कर दी थी। जमानत लेने का यह उसका तीसरा प्रयास था। उसने 8 मई को आखिरी बार अर्जी लगाई थी। नीरव की वकील क्लेर मोंटगोमरी ने दलील दी थी कि जमानत के लिए नीरव कोर्ट की सभी शर्तें मानने के लिए तैयार है क्योंकि वांड्सवर्थ जेल की स्थितियां रहने के लायक नहीं हैं।
जज एम्मा अबर्थनॉट ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा था कि यह बड़े फ्रॉड का मामला है जिससे भारतीय बैंक को नुकसान हुआ। मैं इस बात से संतुष्ट नहीं हूं कि सशर्त जमानत से नीरव को लेकर भारत सरकार की चिंताएं खत्म हो जाएंगी।
खुलासे से पहले ही हो गया था फरार
पिछले साल जनवरी में पीएनबी घोटाले का खुलासा हुआ। उससे पहले ही नीरव विदेश भाग गया था। उसने पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) जारी करवाए थे। भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं।