सऊदी अरब के सिविल डिफेंस सेवा ने बताया कि हज के दूसरे दिन मक्का शहर से लगभग छह-सात किलोमीटर दूर मीना में शैतान को कंकड़ मारने धार्मिक प्रक्रिया के दौरान हाजियों के बीच अचानक भगदड़ मच गई। आज के दिन मैदान-ए-अराफात से वापसी के बाद मुज़दलफा में शैतान को पत्थर मारने की रस्म अदा करते हैं और इसी दौरान यह हादसा हुआ। भगदड़ के बाद बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। वहां हजारों श्रद्धालु वार्षिक हज यात्रा के अंतिम चरण में भाग ले रहे हैं।
इससे पहले वर्ष 2006 में इसी तरह के हुए हादसे में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। हर साल दुनिया भर के 25 लाख से ज्यादा लोग हज के लिए मक्का पहुंचते हैं। इस बार भारत से करीब 1.50 लाख लोग हज पर गए हैं। सऊदी अरब के मक्का में हज यात्रा 22 सितंबर से 26 सितंबर के बीच पूरी की जाएगी। अभी तक हादसे के शिकार भारतीयों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। आंध्र प्रदेश के अल्पसंख्यक पैनल के अध्यक्ष आबिद रसूल खान ने बताया, मेरे शिविर में करीब 400 श्रद्धालु थे। सभी सुरक्षित हैं। लेकिन मैं कुछ अन्य लोगों को फोन कर जानकारी हासिल करने का प्रयास कर रहा हूं।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में ईद-उल-जुहा का त्यौहार भी मनाया जा रहा है। कुछ दिन पहले मक्का में ही एक मस्जिद में क्रेन गिरने से 100 से ज्याद लोगों की मौत हुई थी और करीब 200 लोग घायल हुए थे। सऊदी अरब में हज के दौरान यह अब तक का सबसे भयावह हादसा है। इससे पहले 1990 में हज के दौरान एक सुरंग के भीतर मची भगदड़ में 1,426 लोग मारे गए थे। भारतीय हज मिशन के चिकित्सकों को मीना और मक्का के विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया गया है।
सउदी अरब में कल हज के दौरान मची भगदड़ में मरने वाले भारतीयों के नामों की सूची इस प्रकार है।
शमशुद्दीन मोहम्मद इब्राहिम (तमिलनाडु), मोहिद्दीन पित्चल (तमिलनाडु), मोहम्मद रूस्तम अली (झारखंड), निजाउल हक (झारखंड), सलीम यूसुफ शेख (महाराष्ट्र), मोहम्मद हनीफ हसन (गुजरात), मोहम्मद मदीनाबीबी (गुजरात), दीवान एेयुब्शा बफैसाह (गुजरात), दीवान जुबेदाबीबी एेयुब्शा (गुजरात), सोदा रहमत कसम (गुजरात), बेतरा फातमाबेन करीम (गुजरात), बोलिम हवबई इशाक (गुजरात), नागौरी जोहराबीबी (गुजरात), नागौरी रूखसाना मोहम्मद इशाक (गुजरात)।
मक्का के आपातकालीन नंबर इस प्रकार हैं
00966125458000, 00966125496000।
सउदी अरब में जायरीनों के लिए टोल फ्री नंबर है ( 8002477786।