किसी डॉक्यूमेंटी फिल्म की तरह बनाए गए इस वीडियो में इस्लामिक स्टेट ने अपनी नई मुद्रा पेश करते हुए दावा किया है कि उसने सोने के सिक्के ढालना और उन्हें प्रसारित करना शुरू कर दिया है।
एसआईटीई खुफिया समूह के अनुसार, इस वीडियो में इस्लामिक स्टेट आॅफ इराक एंड सीरिया यानी आईएसआईएस ने इस कदम को 11 सितंबर के हमलों के बाद अमेरिका और इसकी दासता वाली पूंजीवादी आर्थिक व्यवस्था के लिए दूसरा झटका बताया है। शनिवार को जारी खलीफा का उदय और स्वर्ण दीनार की वापसी नामक वीडियो में आईएस ने सोने, चांदी और तांबे के सिक्कों को ढालते हुए दिखाया गया है।
यरूशलम पोस्ट की खबर के अनुसार, आईएस की नई मुद्रा कई राशियों में सोने, चांदी और तांबे के सिक्कों के रूप में है। इस प्रचार वीडियो में बोल रहे वक्ता के अनुसार, सिक्कों पर इस्लामी प्रतीक छपे हैं और शरिया कानून के अनुरूप किसी इंसान या जानवर की तस्वीर इन पर नहीं हैं।
इनमें एक सिक्के का पिछला हिस्सा गेहूं की सात बालियां दिखाता है, जो कि अल्लाह की राह में खर्च करने पर मिलने वाले आशीर्वाद को प्रदर्शित करता है। इस वीडियो में बोली गई बातें अंग्रेजी में हैं, जिनके अरबी लिखित स्वरूप को साथ में दिया गया है। वीडियो की शुरूआत डाॅलर के आधार पर खड़ी दासता वाली पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के एक व्यापक विश्लेषण के साथ होती है। इसमें उस भ्रष्टाचार का भी जिक्र है, जिसने अर्थव्यवस्था को अमेरिका के हाथों तबाही का शिकार बनने दिया।
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में आईएस ने सोने, चांदी और तांबे में अपनी मुद्रा लाने की योजना की घोषणा की थी। इसने कहा था कि मुद्रा का उद्देश्य निरंकुश शासक की आर्थिक व्यवस्था से दूर रहना है।
आईएसआईएस को इतिहास के सबसे अमीर आतंकी समूहों में से एक माना जाता है। चोरी, तेल की तस्करी, रंगदारी और मानव तस्करी इस चरमपंथी समूह के आय के स्रोत माने जाते हैं। यह समूह सीरिया और इराक के बड़े हिस्सों पर कब्जा जमा चुका है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि आईएस एक आत्मनिर्भर आर्थिक बल बन गया है क्योंकि यह समूह एक दिन में 30 लाख डाॅलर से अधिक कमाता है।