हालांकि इस जीत के बावजूद नेतन्याहू को सत्ता में काबिज होने के लिए कई छोटे दलों के समर्थन की आवश्यकता है, लेकिन मतदान के बाद संसद में समर्थन मतों का बहुमत हासिल करने के लिए वह सर्वश्रेठ स्थिति में प्रतीत होते हैं। वैसे यह चौंकाने वाला परिणाम है क्योंकि गत शुक्रवार को आए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में आइजक हेरजोंग के नेतृत्व वाली जिओनिस्ट यूनियन को महज चार या पांच सीटें मिलने की बात कही गई थी। नौ साल तीन महीने से अधिक समय से सत्ता में रहे 65 वर्षीय नेतन्याहू ने चुनावों में जीत का भरोसा व्यक्त किया था। यदि वह चौथी बार सफल रहते हैं तो इस्राइल के सबसे लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
नेतन्याहू ने चुनाव प्रचार के अंतिम समय में कड़ा रूख अख्तियार कर लिया था और कहा था कि जब तक वह सत्ता में रहेंगे तब तक कोई फिलस्तीन देश स्थापित नहीं होगा। इस दौरान उन्होंने अरब नागरिकों का अपमान किया था।