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बाराबंकी में हिंसा और हत्या के 18 साल पुराने मामले में 12 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा

बाराबंकी जिले की एक विशेष अदालत ने हिंसा और हत्या के 18 वर्ष पुराने मामले में 12 लोगों को दोषी करार देते...
बाराबंकी में हिंसा और हत्या के 18 साल पुराने मामले में 12 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा

बाराबंकी जिले की एक विशेष अदालत ने हिंसा और हत्या के 18 वर्ष पुराने मामले में 12 लोगों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 1.18 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि वादी पक्ष के भी पांच लोगों को तीन-तीन वर्ष की कैद और 10-10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

 

विशेष अपर सत्र न्यायाधीश वीना नारायण (एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम) की अदालत ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी अजय सिंह सहित 12 लोग हत्या, हत्या के प्रयास, बलवा, आगजनी और दलित उत्पीड़न के अपराध में दोषी पाए गए।

 

यह मामला 4 मार्च 2007 का है। पटरांगा थाना क्षेत्र के सरैठा गांव में ग्राम प्रधान चुने जाने को लेकर कृष्ण मगन सिंह और अजय सिंह पक्ष के बीच रंजिश चली आ रही थी। घटना वाले दिन शिवनगर चौराहे पर हुई कहासुनी के बाद अजय सिंह और उनके साथियों ने कृष्ण मगन के परिवार पर हमला किया, जिसमें चेतराम नामक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

 

दोषियों में अजय सिंह, जगन्नाथ सिंह, विनोद सिंह, सहज राम सिंह, करुणा शंकर सिंह, संजय मिश्रा, साहब बक्श सिंह, मुन्ना सिंह, मुकुट सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, राकेश तिवारी और स्वयं कृष्ण मगन सिंह का नाम शामिल है।

 

तीन आरोपियों—उमेश्वर प्रताप सिंह, भैरव बक्श सिंह और शंकर बक्श सिंह—को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। वहीं वादी पक्ष के राम सिंह, मंसाराम, अमरेश कुमार, ननकू और सरबजीत को मारपीट और गंभीर चोट पहुंचाने का दोषी मानते हुए अदालत ने अलग से तीन साल की सजा सुनाई। मुकदमे के दौरान वादी पक्ष के पांच अन्य आरोपियों की मौत हो चुकी है।

 

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